The most fortunate birth! | Avyakt Murli Churnings 29-09-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. भोलेनाथ भोला-भण्डारी बाबा हम स्नेही-सहयोगी-सहजयोगी… बालक सो सर्व ख़ज़ानों के मालिक (अभी सो भविष्य 21 जन्मों के लिए) को देख हर्षित-बढ़ाईयां देते… हम भी सदा सम्पन्न, मिलन-मौज में, हर श्वास में खुशी का साज अनुभव करते रहते
2. बाबा के अवतरित होते ही, ब्रह्मा-बाप सो हम ब्रह्माणों का जन्म हो जाता… इसलिए समान-combined बनना हमारे लिए सहज है (बाप-दादा ओर ब्रह्मा-कुमार, नाम भी combined है)
3. स्वयं भगवान-भाग्यविधाता के साथ हमारा भाग्य है (वेला सर्वश्रेष्ठ है, स्वयं भगवान की अवतरण-वेला… और राशि भी मिलती, ब्रह्मा-ब्राह्मण!)
4. सदा अपने को अवतार (विश्व परिवर्तन-कल्याण के निमित्त), दिव्य-जीवनधारी अनुभव करना है… हम डबल-हीरो है (हीरो-पार्टधारी, और हीरे-तुल्य जीवन वाले, जिनकी ओर सब देख रहे)
5. बाबा हमें दो विशेष सौगात देते… हम बाबा के नूरे रत्न, सदा बाबा के नैनों के स्नेह में समाए हुए बिन्दु है… और सदा बाबा के हाथ (आशीर्वाद का) और साथ (सहयोग) है
दादियों से
बाबा के स्नेह की भुजाओं में समाए रहने से, मायाजीत रहते… बाबा सदा:
- बच्चों को अपने विश्व-घर की रौनक के रूप में देखते
- हमारी गुण-विशेषताओं की माला सदा जपते रहते (बाबा भी नौधा-भक्त है, और फल हमें देते!)
- याद का respond देते
- हमारी विशेषताओं की खुशबू लेते
हम आदि रत्नों की बहुत वैल्यू है… हम सबके लिए विघ्न-विनाशक है
सम्मेलन वालों से
हम बाबा के घर में आए हुए बच्चें-अधिकारी, भाग्यवान-महान है (मेहमान नहीं)… अभी सिर्फ दृढ़ता से बाबा की याद द्बारा साथ रहना है, तो हर कार्य सहज-सफल रहेगा… अनुभव प्राप्त करते-बांटते रहेंगे, तो और बढ़ता रहेगा
सार (चिन्तन)
जबकि हमारा जन्म ही सर्वश्रेष्ठ, बाबा के साथ है… तो सदा स्नेही-सहयोगी-सहजयोगी (बाबा से combined) सर्व खजा़ने-खुशी-मौज से सम्पन्न बन… अपने को हीरा-अवतार समझ, सब के विघ्न को समाप्त करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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