The power of God’s love! | Sakar Murli Churnings 14-11-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. हम जानते है, कैसे बाबा (बागवान-खिवैया) की याद से ही पावन-सतोप्रधान-देवता लक्ष्मी-नारायण बनते, स्वर्ग-हेवन-पैराडाइज़ के वर्से के मालिक (जहां शान्ति-धन, सब होगा)… आगे चल सब समझेंगे (हर जगह यह museum खुलेगा, हम मुफ़्त समझाएंगे, सब को पढ़ाएंगे)
2. बाबा का प्यार हमें देवता बनाता, तो जरा भी अभिमान में नहीं आना है… जबकि यह wonderful ज्ञान सोर्स ऑफ इन्कम है, तो सदा अपने अन्दर ज्ञान-स्वचिन्तन करते, देही-अभिमानी बन बाबा को याद करते बैटरी-चार्ज करते रहना है… बहुत खुशी में रहना है, पक्का ब्राह्मण बनना है, श्रेष्ठ कैरेेक्टर-सम्पन्न
चिन्तन
जबकि बाबा की नज़र पडने से ही हम सेकण्ड में जीवनमुक्त-देवता बन जाते… तो सदा उसके प्यार के अनुभवों में रहने, बैठकर (उसे सबकुछ सोप) बहुत अच्छा आत्मिक-स्मृति का अभ्यास कर, बाबा के स्वरुप पर अपनी बुद्धि को एकाग्र कर… अपने में पवित्र-दिव्य ऊर्जा का अनुभव कर, सहज परिवर्तन का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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