The spiritual passenger! | Sakar Murli Churnings 18-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

The spiritual passenger! | Sakar Murli Churnings 18-09-2019

1. हम रूहें ऊपर से आई है… अब नाटक पूरा हुआ, हमारे बुलावे पर सद्गति-दाता लिबरेटर-गाइड बाबा दिव्य-अलौकिक रीति आए हैं, हमे पढ़ाकर वापिस घर-मूलवतन-मुक्तिधाम ले चलने… हम रूहानी passengers है

2. तो मुख्य बात है, अपने को आत्मा समझ (जिसमें ही मन-बुद्धि है, जो शरीर से अलग चीज़ है) पतित-पावन बाबा को याद कर, पवित्र बन नर से नारायण (विकारों से मुक्त) ऊंच-पद विजय-माला में आना, नई दुनिया-स्वर्ग-सुखधाम में…

3. खुशी-खुशी जाना हैं… यह शरीर भी most valuable है, जिसमें बैठ हम बाबा को याद कर lottery लेते, पद्मापद्म भाग्यशाली बनते

4. टीचर बन, अनेकों को आप-समान कांटों से फूल बनाने की सेवा करनी है… जिनकी तकदीर में होगा, वह आ जाएंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपने को रूहानी passenger वा मेहमान समझ, सदा ज्ञान-योग संपन्न श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते, सदा महान-श्रेष्ठ-दिव्य कर्म करते, सब को बाबा से जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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