The wonderful Satguru! | Sakar Murli Churnings 28-08-2019
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. बाबा है हमारा:
- सुप्रीम बाप (बेहद का वर्सा, शान्ति का वर्सा देते, नई viceless दुनिया अमरलोक-शिवालय में, देवता लक्ष्मी-नारायण बनाकर)
- सुप्रीम टीचर (सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान, spiritual knowledge देते, इस ईश्वरीय विद्यालय में)
- सतगुरू (निराकार, पतित-पावन, ज्ञान-सागर, सर्व का सद्गति दाता है… जिनका दरबार ब्रह्मा बाबा की भ्रकुटी है)
2. सिर्फ इस संगम पर हम दोनों तरफ कलियुग-सतयुग देख सकते, हमें बाबा मिला है… तो ऊंच पद जरूर प्राप्त करना है, जिसके लिए:
- अपने को अविनाशी आत्मा समझ बाबा को याद करना है (बाकी सब unrighteous को भूल, माया से बचे रह)
- सेवा कर आप-समान बनाना है (भ्रमरी का मिसाल)
- पुरुषोत्तम बन
चिन्तन
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें इतना प्यारा सतगुरू मिला है, तो सदा उनके वरदानों की स्मृति में रख, उनकी श्रीमत को सिर-माथे रख… हर पल ज्ञान-योग में उन्नति अनुभव कर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन, सब को मास्टर सतगुरू बन दुःखों से मुक्ति-जीवनमुक्ति दिलाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings:
Thanks for reading this article on ‘The wonderful Satguru! | Sakar Murli Churnings 28-08-2019’