The wonderful Swastika! | Sakar Murli Churnings 30-08-2019

The wonderful Swastika! | Sakar Murli Churnings 30-08-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. अब भक्ति पूरी हुई, बाबा आए है हमें दुःखधाम के अपार दुःखों से निकालने… ज्ञान सागर बाबा का हमसे बहुत प्यार है, इसलिए हमें शिक्षाओं से श्रृंगारते, इस संगम पर ब्रह्मा तन (गऊ-मुख) द्बारा

2. मुख्य बात:

  • घर-गृहस्थ में रहते… सब कार्य करते भी
  • बुद्धि से और सबकुछ भूल
  • अपने को आत्मा समझ (देह तो विनाशी है, आत्मा एक शरीर छोड़ दूसरा लेती)
  • निराकार पतित-पावन सुख-कर्ता बाबा को याद करना है

जिससे पाप-कट हो सतोप्रधान बनने, सब दुःखों से परे रहते (डर, बाढ़, अकाले मृत्यु, आदि) 21 जन्मों के लिए सम्पूर्ण सुखी-धनवान (बाबा के वारिस) पुण्य-आत्मा बनते… फिर तो चक्र फिर शुरू हो जाएंगा, जिस चक्र का हमें सारा ज्ञान है (अमरकथा, स्वास्तिक, श्याम-सुन्दर, आदि)

3. बाबा को याद करने से सब सुख सामने आ जाते, तो ऎसे सुख देने वाले बाप को ऎसा याद करना है, कि अन्त में और कुछ भी याद न आएं… बाकी थोड़ा समय है श्रेष्ठ पुरुषार्थ करने लिए, तो ऊंच पद अवश्य प्राप्त करना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सारे सृष्टि चक्र का सम्पूर्ण ज्ञान है, हम इस संगम का महत्व जानते… तो सदा ज्ञान-स्वरूप याद-स्वरूप धारणा-स्वरूप बन, स्वयं पर attention-चेकिंग द्बारा सहज सम्पन्नता-सम्पूर्णता का अनुभव करते-करातेे, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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