Truly serving the world! | Sakar Murli Churnings 06-01-2020

Truly serving the world! | Sakar Murli Churnings 06-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं प्रभु-ईश्वर पतित-पावन सुखकर्ता-परमात्मा बाप… हमें मुक्ति-जीवनमुक्ति की राह-ज्ञान-श्रीमत देते (सिर्फ पावन-फूल बनना है)… तो भारत भी राम-राज्य (नई दुनिया-दिन हेवन-सतयुग-स्वर्ग-परिसतान सचखण्ड-सुखधाम) बनता, सम्पूर्ण पीस-प्रासपर्टी (लम्बी आयु-धनवानहैप्पी), राइटियस-रिलीजस-सालवेन्ट-पवित्र देवताओं की… यही भारत की सच्ची-रूहानी सेवा-प्यार है (जैसे बाबा हमारी निराकारी-निरहंकारी ओबीडियेन्ट सर्वेन्ट बन सेवा करते)

2. तो बहुत-बहुत खुशी-नशे में, दिव्यगुण-सम्पन्न बनने लिए… अपने को अशरीरी-आत्मा समझ रूहानी-बाप की याद में रहना है… पुरुषार्थ पूरा करना है (तो प्रालब्ध भी पूरी मिलेंगी)

चिन्तन

जबकि देश हम एक-एक के कर्म-वाइब्रेशन से ही बनता, इसलिए देश की सच्ची-सेवा करने स्वयं को सम्पूर्ण-सतोप्रधान बनाना पड़े… तो सदा बाबा के ज्ञान-चिन्तन योग-प्रयोगों द्वारा, स्वयं को सदा ऊँची-फरिश्ता शान्ति-प्रेम-आनंद सम्पन्न-स्थिति में स्थित करते-सबको कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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