Waking up early daily! | Sakar Murli Churnings 08-01-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
1. इस स्कुल-रथ (प्रजापिता ब्रह्मा-माँ) द्वारा… स्वयं भगवान्-वृक्षपति-शिव, बाप (रचता) टीचर (ज्ञान-सागर बीजरूप) सतगुरू (सद्गति-दाता)… हमे मीठे-सिकीलधे बच्चेे-स्टूडेंट-ऐक्टर्स को… सम्मुख-प्यार से ज्ञान-रत्नों से श्रृंगारते वा रोशनी-राह-ज्ञान पढ़ाते, और हम उन्हें याद कर विकर्म विनाश-कमाई कर गुल-गुल खुश-लायक बन… नई-पवित्र दुनिया स्वर्ग-बहिश्त-सुखधाम के मालिक बनते (देवता-लक्ष्मी नारायण रूप में)
2. तो बाबा का पूरा बन, फाॅलो कर… सवेरे उठकर ज्ञान का सिमरण-उगारते (कैसा यह वन्डरफुल ड्रामा है, बाबा हमें रावण से छुड़ाते, आदि)… बाबा से बातें-याद जरूर करते रहना है… बाबा की इज्ज़त भी सम्भालनी हे
चिन्तन
जबकि सुबह-जल्दी उठकर याद-चिन्तन करने में इतनी सर्वोत्तम प्राप्तियां है (और अमृतवेला पिछले श्रेष्ठ बीते-दिन का ही ईनाम है)… तो सदा स्वयं को ज्ञान-योग-समर्पण के बल से व्यर्थ-मुक्त रख, हर कार्य सहज-जल्दी पूरा करते… जल्दी से योग में बैठ सोने का लक्ष्य रखते, अपनी-सर्व की सर्वश्रेष्ठ धारणा बनाते… इस श्रीमत के बल से सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
Recent Sakar Murli Churnings:
Thanks for reading this article on ‘Waking up early daily! | Sakar Murli Churnings 08-01-2020’