The wings of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 28-01-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
जबकि हमे सतयुगी-देवता बनाने स्वयं सुप्रिम बाप-टीचर-सतगुरू पढ़ाते… तो सदा एकान्त में ज्ञान का चिन्तन-मंथन सिमरण कर (सबसे चित-चेट भी करते), पतित-पावन शिवबाबा की याद द्वारा पावन-खुश गुणवान बने (सदा मुख से रत्न)… लाइट-हाउस बन कल्याण का शौक हो
चिन्तन
जबकि हमे ज्ञान-योग के दिव्य-पंख मिले हैं… तो सदा इनका प्रयोग कर, उड़ती कला में उड़ते-उड़ाते फरिश्ता बन… सदा स्वयं को ऊपर (वतन में, बाबा के साथ) मेहसूस कर, छोटी बातों से सहज उपराम रहते, शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहने-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
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