Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019

Winning the scholarship! | Sakar Murli Churnings 11-09-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. ओम् शान्ति अर्थात मैं (छोटी-अविनाशी) आत्मा हूँ, यह मेरा शरीर है (एक शरीर छोड़ दूसरा लेती हूँ)… स्वयं निराकार बाप (जिनका पूरा परिचय हमारे पास है, वह पतित-पावन सर्वशक्तिमान शान्ति-प्रेम-सुख के सागर है, संगम पर आते, अपने को servant कहलाते), हमें राजयोग सिखाते, पवित्र-पावन-सतोप्रधान-पूज्य-पारसबुद्धि-देवता डबल-सिरताज लक्ष्मी-नारायण बनाने, स्वर्ग-paradise-सुखधाम में

2. तो हमें यह lottery-scholarship लेने लिए, सिर्फ एक बाबा की याद द्बारा दिव्यगुण-सम्पन्न बनना है, सबकी सेवा करनी है… सदा खुश रहने लिए:

  • ज्ञान बुद्धि में रखना है (बाबा हमें विश्व का मालिक बनाते)
  • बाबा को यथार्थ रीति याद करना है

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें scholarship लेने का सर्वोत्तम चान्स मिला है, तो सदा श्रीमत को सिर-माथे रख, ज्ञान में फुल बन (ज्ञान-चिन्तन द्बारा) और गुण-शक्तियों में फुल बन (बाबा की याद द्बारा) सदा खुश दिव्यगुण-सम्पन्न बनतेे-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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