Singing the Song of God’s love | दिलारम की दिलरूबा के गीत | Avyakt Murli Churnings 24-03-2019
दिल के गीत!
- हम सभी दिलाराम की दिलरूबा एक ही शब्द ‘बाबा’ के गीत गाते… वही हमारा संसार है, उससे ही हम सर्व सम्बन्धों की प्रीत अनुभव करते… वही हमारी दृष्टि, स्मृति, दिल, बोल में समाया हुआ है
- फिर भी गीत का साज़ भिन्न- भिन्न नम्बरवार है… कोई उड़ने-उड़ाने खुशी के गीत गाते, कोई अभ्यास के… कोई की स्मृति की स्विच सदा ऑन होने कारण सदा गीत बजता रहता, कोई को बजाना पड़ता… कोई प्राप्ति के, तो कोई मेहनत-पुकार-दिलशिकस्त के
रूहानी चमत्कार!
हमारे भाग्य का सितारा चमक उठा है, हम ताज-तख्त-तीलकधारी बन गए हैं… जिसके बाबा भी गुणगान करते, और सारे विश्व के लिए example है… इसलिए यथार्थ पुरूषार्थ की विधि द्वारा शक्तिशाली सिद्धि स्वरूप, सिद्ध सहज योगी बनना… रूहानी अविनाशी सिद्धियों द्वारा रूहानी चमत्कार दिखाने है, जैसाकि:
- ऎसे उड़ना है, जो औरों को भी पंख मिल उड़ने लगे
- अप्राप्त के बदले सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन नाचने लगे
- ज्ञान का तीसरा नेत्र मिल, अपना श्रेष्ठ वर्तमान वा भविष्य देख सके
- चिंता की चिता वा दुःखों को शैया से उठ खुशी के गीत गाने लगे
- मांगने के बजाए सर्व खजा़नों के अधिकारी बन जाएँ
क्यूंकि सभी बहुत मेहनत करते हैं, एक प्राप्ति पूरी होते और इच्छाएं खड़ी हो जाती… तो उन्हें सर्व प्राप्ति सम्पन्न जरूर बनाना है
हम आत्माएं (कुमारीयां) कौन है?
- रूहानी आत्मा अर्थात सदा रूह आत्मा की स्मृति में रहने वाले, देह-भान से माया तरफ गिरते और देही-अभीमानी बाबा तरफ खींचते हैं… बाबा से प्यार होने कारण, प्यार से मुरली सुनने याद करने से सहज सफलता मिलती… माया के आकर्षणों से सहज मुक्त रहते
- भगवान के ज्ञान वा आज्ञा पर पवित्र बनने कारण हमारी पवित्रता वा महानता 21 जन्म चलती है… हम बाबा के बन गए, अब माया के आगे झुकना नहीं है, पक्का बन सदा खुशी में शक्तिशाली रहना है
- श्रेष्ठ आत्माएं अर्थात श्रेष्ठ कार्य अर्थात विश्व कल्याण के निमित्त, सारे विश्व के कुल का उद्धार करने वाले… बाबा सदा साथ है, डरने की कोई बात नहीं… हम तो बच गए, सदा इसी खुशी और नशे में हमें है
- हम ईश्वरीय विश्व विद्यालय की आत्माए, सो ब्राह्मणों से भी उत्तम ही… सदा सेवाधारी बाबा के राइट हैंड है… निर्बंधन भाग्यवान पूज्य है
- बाबा ने हमें देवी अर्थात सदा सुख देने वाली, मुस्कुराती बन दिया है… दासी के बजाए देवी
सार
तो चलिए आज सारा दिन… स्मृति की स्विच ऑन कर सदा बाबा के प्यार के गीत गाते, उनके प्यार में ऎसा सम्पूर्ण समा जाएं, कि हमसे बाबा ही दिखाई दे… इसी यथार्थ पुरूषार्थ की विधि द्वारा सर्व सिद्धि स्वरूप बन, रूहानी चमत्कार करने हे, अर्थात सभी को सर्व प्राप्ति सम्पन्न सुखी बनाना है… तो हम बहुत ही जल्द खुुशीयों की दुनिया सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन … ओम् शान्ति!