The Joy of being a Trustee! | Sakar Murli Churnings 27-04-2019
1. हमें सम्पूर्ण सत्य मिल गया है, कैसे आत्मा ही सबकुछ करती, तो देह-सहित सबकुछ भूल अपने को आत्मा समझ निराकार जन्म-मरण-रहित सर्वशक्तिमान पतित-पावन बाबा को याद करना है, तो दैवीगुण-सम्पन्न पूज्य देवता विश्व-स्वर्ग का मालिक बन जाएँगे..
2. घर गृहस्थ में रहते सिर्फ़ ट्रस्टी हो रहना है… जब सबकुछ बाबा के हवाले किया है, तो देह से न्यारा बन शान्ति के सागर से सम्पूर्ण शान्ति-गुण-शक्तियां भी अवश्य लेनी है
3. इस संगमयुग पर भगवान् गीता द्वारा नई दुनिया रचते, हमारा यह जीवन हीरे-तुल्य है, भगवान् हमें पढ़ाते, हम सच्चे-सच्चे सत के संग में बैठे हैं!
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि भगवान् हमारे सभी बोज़ लेने लिए ऑफर करते, तो सबकुछ बुद्धि से उसे समर्पण कर निश्चिंत हो जाएँ… ऎसे हल्के बन योग-अभ्यास करते ईश्वरीय ज्ञान-गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न बन… औरों को भी सम्पन्न बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!