योग कमेंटरी | चाँद पर | Creative Commentary on Moon

योग कमेंटरी | चाँद पर | Creative Commentary on Moon

मुझे सम्पूर्ण चन्द्रमा समान… सोलह कला सम्पूर्ण बनना है… माया के ग्रहण से बिल्कुल मुक्त

सफेद चन्द्रमा की तरह… मैं सम्पूर्ण पवित्र… सबके जीवन को प्रकाशित करता… राह दिखाता हूँ

हज़ारों चन्द्रमा के समान सूक्ष्मवतन में… मैं चमकीली फरिश्ता ड्रेस में… प्रकाशमय बापदादा के सम्मुख हूँ

ज्ञान चन्द्रमा मुझे… शीतलता प्रदान कर रहे हैं… मैं उनके स्नेह में समा गया हूँ

मैं रूहानी चकोर हूँ… मेरे चाँद बाबा को देख… नाच उठा हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: ये गगन का चाँद… (बहुत सुन्दर गीत, अस्मिता बहन द्वारा गाया हुआ)


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