योग कमेंटरी | मैं पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ | I’m multimillion times fortunate

I am multimillion times fortunate image

योग कमेंटरी | मैं पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ | I’m multimillion times fortunate

मैं भाग्यशाली… सौभाग्यशाली… पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ

स्वयं भाग्यविधाता भगवान ने मुझे अपना बनाया है… भाग्य लिखने की कलम मेरे हाथों में दे दी है… मैं जीतने चाहे भाग्य बना सकती हूँ

मैं रूहानी सेवाधारी हूँ… मैं निमित्त आत्मा हूँ… मेरे कदम-कदम पर पद्मों की कमाई (अर्थात भाग्य) है

भगवान की श्रीमत से श्रेष्ठ बन रही हूँ… स्वयं भगवान मुझे पढ़ाते हैं… ज्ञान, गुण और शक्तियों से श्रृंगारते है

भगवान की छत्रछाया मुझ पर है… हर बात में मेरा कल्याण ही कल्याण है… भगवान मेरे साथ है

मेरे भाग्य का सितारा चमक उठा है… बाबा ने मुझे सतयुग का वर्सा दे दिया है… सबको भी दिलाना है… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this article on ‘योग कमेंटरी | मैं पद्मपद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ | I’m multimillion times fortunate’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *