योग कमेंटरी | मेरा घर बन गया है सूक्ष्मवतन

योग कमेंटरी | मेरा घर बन गया है सूक्ष्मवतन

चारों ओर व्हाइट ही व्हाइट… लाइट ही लाइट है… मैं प्रकाशमय फरिश्ता हूँ

मैं बिल्कुल हल्काशान्त-चित… अलौकिक हूँ

बाबा का आह्वान करता हूँ… उसके अपने ही घर में… उनके वाइब्रेशन चारों ओर छा गएँ हैं

बापदादा आ गएँ है… वही इस घर के मालिक हैं… सबकुछ उन्हें सौप देती हूँ

सभी घर में फरिश्ते है… बाबा के बच्चे… मैं निश्चिंत हो गया हूँ…

हर पल उन्नति करते… सबको श्रेष्ठ अनुभूति कराता… बाबा ने मेरा जीवन सर्वश्रेष्ठ हीरे-तुल्य बना दिया है… ओम् शान्ति!


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