योग कमेंटरी | शरीर से ममत्व मिटाने | How to overcome attachment to the body

योग कमेंटरी | शरीर से ममत्व मिटाने | How to overcome attachment to the body image

योग कमेंटरी | शरीर से ममत्व मिटाने | How to overcome attachment to the body

यह देह temporary है… मैं इस देह में थोड़े समय का मेहमान… सो महान आत्मा हूँ

मैं निराकारी आत्मा, अशरीरी, विदेही हूँ… परमधाम निवासी हूँ… अब वापिस वहां जाना है

यह शरीर जुत्ती है… ऎसे कई शरीर मैंने लिए और छोड़े है… अब इस पुरानी जुत्ती को भी छोड़ना है

यह शरीर पुराना तमोप्रधान है, मुझे नयी कंचन-काया मिलनी है… अब इस शरीर के भान से परे… मुझे आत्म-अभीमानी स्थिति में स्थित रहना है

यह शरीर पतित रोगी है… इसे श्रेष्ठ स्थिति के vibrations द्वारा… बाबा की सेवा में चलाना है

इस देह में रहते, देह से न्यारा… और बाबा का… तथा सर्व का प्यारा रहना है

यह शरीर अब मेरा नहीं है… बाबा की अमानत है… मुझे इसे श्रीमत पर ही use करना है

यह शरीर सिर्फ मेरा यंत्र, वस्त्र वा रथ हैं… मैं आत्मा ही सबकुछ करती हूँ… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘शरीर से ममत्व कैसे मिटाए | How to overcome attachment to the body’

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