योग कमेंटरी | मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light

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योग कमेंटरी | मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light

मैं प्रकाश स्वरूप आत्मा … बिल्कुल हल्की… डबल लाइट हूँ

आत्मा भी लाइट… शरीर भी लाइट, प्रकाशमय काया है… मैं डबल लाइट फरिश्ता हूँ

मेरे संकल्प हल्के… सम्बन्ध-सम्पर्क भी हल्के… सन्तुष्टता से भरपूर है

मेरी सारी जिम्मेवारीयां-बोझ… बाबा के है… मैं ट्रस्टी हूँ

परिस्थितियां… पुराने संस्कार, सब हल्के हो गये हैं… मैं स्वराज्य अधिकारी बन गया हूँ

मैं अव्यक्त स्थिति में स्थित… फरिश्ता हूँ… सदा बाबा के साथ हूँ… सब को भी हल्का कर… बाबा के साथ जोड़ता हूँ… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं डबल लाइट हूँ | I am Double Light’

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