योग कमेंटरी | मैं हनुमान हूँ

योग कमेंटरी | मैं हनुमान हूँ

बाबा मुझे बन्दर से… मन्दिर-लायक देवतापूज्य बना रहे हैं

मैं हनुमान… सदा एक राम की याद में मग्न… योगबल से भरपूर… सम्पूर्ण पवित्र हूँ

सर्व शक्तियों से सम्पन्न, महावीर… मायाजीत… मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ

मैं वायु-समान हल्का… पर्वत-समान शक्तिशाली… पहाड़ को भी राई-रुई बनाता हूँ

सबको संजीवनी बुत्ती से सुरजीत कर… सभी सिताओं को रावण की जंजोरों से छुड़ाता… बाबा के महान स्वर्ग स्थापना के कार्य में सच्चा सहयोगी हूँ… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं हनुमान हूँ’

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