योग कमेंटरी | बाबा के नैनों का नूर

योग कमेंटरी | बाबा के नैनों का नूर

बाबा ने कहा… तुम मेरे नैनों के नूर हो… मैं बाबा को अति प्रिय हूँ

मुझे चरणों से उठाकर… कितना ऊंच बना दिया है… सर्वश्रेष्ठ स्थान पर बिठा दिया है

मैं बाबा की नज़रों में हूँ… उनकी छत्रछाया में… सदा सुरक्षित, उड़ती कला का अनुभवी हूँ

मैं बाबा की दृष्टि में हूँ… उनकी शक्तिशाली सकाश मुझे मिल रही है… मैं पावन सतोप्रधान बन रहा हूँ

बाबा मुझे देख रहे… मैं भी बाबा को देख रहा हूँ… यह भगवान के साथ सर्वश्रेष्ठ मिलन, जन्म-जन्मान्तर का भाग्य बनाता… मेरा और सर्व का… सारे विश्व का… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘बाबा के नैनों का नूर’

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