योग कमेंटरी | आत्मिक सम्पर्क

योग कमेंटरी | आत्मिक सम्पर्क

मैं आत्मा सदा हल्की… हर्षित… प्रसन्न-चित्त हूँ

मैं आत्मा को देखती… आत्मा से बातें करती… मेरा सम्बन्ध आत्मा के साथ है

सबने मेरी बहुत पालना की है… अभी मुझे उनकी पालना करनी है… अपनी श्रेष्ठ स्थिति-रॉयल व्यवहार द्वारा

उनमें बहुत विशेषताएं हैं… उनका सम्मान-शुभ भावना दे… आगे बढ़ाना है

मुझे सदा सन्तुष्ट रह… सबको सन्तुष्ट करना है… मैं सन्तुष्टमणि हूँ… बाबा की अमूल्य रत्न

एक बाबा के बच्चे… सभी मेरे भाई-बहन… ईश्वरीय परिवार है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘आत्मिक सम्पर्क’

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