योग कमेंटरी | पानी के नीचे

योग कमेंटरी | पानी के नीचे

मैं आत्मा, सागर के नीचे हूँ… चारों ओर पानी है… मछलियों की दुनिया… जो अपने नियमों पर चलती

ऊपर सूरज का प्रकाश दिख रहा… मैं उस दुनिया से बिल्कुल दूर हूँ… यहां कोई देहधारी भी नहीं

मैं आसपास घूम रही हूँ… सभी पौधों को देख… बिल्कुल हल्की हूँ

मैं मास्टर सागर की स्थिति में स्थित हूँ… जितना सम्पन्न… उतना ही शान्त-चित्त… प्रेमसुखआनंद से भरपूर

गुणों के सागर के साथ सदा combined… ज्ञान-गुण-शक्तियों से सम्पन्न हूँ… सबको भी करती… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘पानी के नीचे’

2 Replies to “योग कमेंटरी | पानी के नीचे”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *