योग कमेंटरी | मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full

योग कमेंटरी | मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full

मैं सार स्वरूप… फल स्वरूप… शक्तिशाली आत्मा हूँ

पास्ट जो हुआ, accurate था… आगे जो होगा, कल्याणकारी होगा… मुझे वर्तमान को श्रेष्ठ रखना है

मेरे संकल्प धैर्यवत… कम… समर्थ हैं

कुछ सोचने की आवश्यकता नहीं… सिर्फ़ योगयुक्त श्रेष्ठ स्थिति में रहना है… बाकी सब बाबा सम्भालेगा

सिर्फ हर कदम श्रीमत पर चलते… ज्ञान चिन्तन… बाबा की यादों में… रूहानी मौज में रहना है… औरों की भी सेवा स्वतः होती रहेंगी… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं सार स्वरूप आत्मा हूँ | I am essence-full’

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