योग कमेंटरी | Experiencing Peace | शान्ति की अनुभूति

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योग कमेंटरी | Experiencing Peace | शान्ति की अनुभूति

मैं शान्त स्वरूप आत्मा हूँ… शान्ति मेरा स्वधर्म है, मेरे गले का हार है… मैं बिल्कुल शान्त हूँ

मैं शान्ति के सागर की सन्तान हूँ… उनकी शान्ति की किरणें मुझ पर पड़ रही है… मैं शान्ति से भरपूर हो रही हूँ… सच्ची सुख-शान्ति अनुभव कर रही हूँ

मैं शान्तिधाम की रहवासी… शान्ति की दुनिया स्थापन करने वाली आत्मा हूँ

मैं सदा हल्की हूँ… बाबा मेरे साथ है… सभी मेरे भाई-बहन है

मुझे सबको शान्ति का खजाना बांटना है… शान्ति का रास्ता बताना है

मैं शान्तिदूत… शान्ति का भण्डार… शान्ति का फरिश्ता हूँ… मेरा स्थान शान्ति-कुण्ड है… ओम् शान्ति!

गीत: शान्ति सागर की लहरें…


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