The power of God’s love! | Avyakt Murli Churnings 02-06-2019
स्नेह की शक्ति
स्नेह सागर बाप ने आकर, हम स्नेही बच्चों की स्नेह की प्यास-मांग बुझाकर स्नेह का अधिकारी बना दिया है… लोगों ने न जानने कारण स्नेह को ही भगवान् का दर्जा दिया है, लेकिन हमनें तो साकार में उनके स्नेह का अनुभव किया है… स्नेह ही नये ब्राह्मण जन्म वा त्याग-तपस्या-सेवा का आधार है, बाबा का साथ अनुभव कराए दुःख को सुख में परिवर्तन कर युग परिवर्तन करता, स्नेह ही मायाजीत वा सर्व प्राप्ति सम्पन्न और मधुबन निवासी बनता… लेकिन सदाकाल का सच्चे दिल का स्नेह, स्वार्थ-वश नहीं
क्रिसमस का अध्यात्मिक रहस्य
- Santa Claus अर्थात दाता शिवबाबा बुढ़े ब्रह्मा तन में
- Santa Claus के सफेद-लाल वस्त्र (परमधाम और सूक्ष्मवतन) भी दोनों बाप की निशानी है
- बाबा हम बच्चों की सर्व इच्छाएं पूरी करते… स्वराज्य वा स्वर्ग की सौगात लाते… और हम खुशी में नाचते-गाते
न्यारा और प्यारा
- जितना पुरानी दुनिया से न्यारे, उतना बाबा के प्यारे… अर्थात एक बाप से बुद्धि सहज लग जाती, हम सहजयोगी-निरन्तर योगी बन जाते…
- इतनी सहज प्राप्ति सिर्फ अभी ही हो सकती, तो सदा बाबा के साथ रहना है, जिससे उनका सहारा अनुभव होता, और माया स्वतः किनारा करती…
- हमें बाबा अर्थात सुख का भण्डार मिला है, इसलिए सबको सुख बांटते रहना है, तो वह और हममें बढ़ता जाएंगा
सभ्यता का कल्चर!
- ब्राह्मण कल्चर ही है सभ्यता, अर्थात हर्षित चेहरा और कम-धीरे-मीठे बोल…
- औरों की असत्यता को देख, हमें अपनी सभ्यता खो क्रोध नहीँ करना है, औरों की गलती को वातावरण में नहीँ फैलाना है…
- हमारा आवाज ही ऊंचा है, यह सिर्फ़ बहाना है… So साईलेंस की शक्ति से आवाज को नियंत्रण करना है…
- क्रोध शस्त्र नहीं, वह तो और ही बाबा की निंदा कराता
सार
तो चलिए आज सारा दिन… Santa Claus बापदादा के स्नेह-साथ में समाएं, सर्व प्राप्ति सम्पन्न माया-प्रूफ बन, सुखों के भण्डार अनुभव कर खुशी में नाचते रहे… तो यह वाइब्रेशन स्वतः सबको मिलते, उन्हें भी माया से छुड़ाते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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