Sakar Murli Churnings 05-01-2019
1. भगवान हमारा बाप भी है, टीचर भी है, और सतगुरू भी है… वही हमको पढ़ाते हैं… इस निश्चय-पूर्वक स्मृति से सेकेण्ड में खुशी का पारा चढ़ जाता है… और इस खुशी को कायम रखने पढ़ाई भी जरूर पढ़नी है!
2. बातें करते यह अभ्यास पक्का करना है, हम आत्मा भाई से बात कर रहे हैं… तो स्वतः हमारा स्वभाव बहुत मीठा और रॉयल रहेंगा… भूतों (अर्थात प्रभाव में आना, लड़ना-जगड़ना, आदि जिसको बाबा ने आज नास्तिक-पना कहा) से बचे रहेंगे
3. कोई पूछे विनाश कब होगा, तो कहो पहले यह बताने वाले (अर्थात ज्ञान देने वाले) अल्फ को तो जानो… वही कह रहा है कि मैं नई राजधानी स्थापन करने आया हूँ, हमें उनकी श्रीमत पर चलना है
4. बाबा हमें कितना ऊंच मनुष्य से देवता 21 जन्मों के लिए बना रहे हैं… फिर तो यह ज्ञान भी नहीं रहेगा, तो अभी पूरा-पूरा पुरुषार्थ करना है… पूरा आत्म-अभिमानी बन बाबा को याद करना है, तो पावन बन जाएँगे… और कर्मातीत भी बनते जाएंगे… ओम् शान्ति!
सार
तो चलिए आज सारा दिन… किसी से भी बात करते हुए, आत्मिक दृष्टि का अभ्यास पक्का रखे, जिससे सहज आत्म-अभिमानी स्थिति का अनुभव करते रहेंगे… और हमारी अवस्था बहुत हल्की और सन्तुष्ट रहेंगी, योग भी बहुत सहज और शक्तिशाली होगा… ऎसे सहज ही हम ब्रह्मा बाप समान अपने कर्मातीत फरिश्ता स्थिति तक पहुँच जाएँगे… ओम् शान्ति!