Being a living light-house! | Sakar Murli Churnings 04-02-2020

Being a living light-house! | Sakar Murli Churnings 04-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि स्वयं भगवान् ने आकर हमें नया-जीवन दिया है (सतयुगी-राजधानी का वर्सा देने लिए)… तो और सब बाते छोड़, उस ज्ञान-सूर्य की मत पर शौक से (सवेरे उठकर) पढ़ाई पढ़ … सदा पतित-पावन रूहानी-सुप्रीम बाप से प्रीतबुद्धि-सरेण्डर हो याद मे लग जाना हैं… जिस बल से पावन बन स्वतः दिव्यगुण-सम्पन्न रहते… सबको चैतन्य लाइट-हाउस बन मैसेज देते रहे (हॉस्पिटल कम यूनिवर्सिटी द्वारा)

चिन्तन

जबकि हम चैतन्य लाइट-हाउस है… तो सदा अपने ब्राह्मण जीवन के ज्ञान-योग-धारणा की फाउण्डेशन को मजबूत कर… पावर-हाउस से सदा शक्तियां लेते रहते, सदा मुक्ति-जीवनमुक्त को अपने आँखों के सामने देखते… श्रेष्ठ-ऊँच स्थिति का अनुभव करते-सबको कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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