Sakar Murli Churnings 22-01-2019
अब फिर शान्ति के टाॅवर घर जाना है… इसलिए सतोप्रधान बनना (बाबा को याद करना है, देह और देहधारीयों से ममत्व नहीँ, उनकी सेवा करनी है) और सतोप्रधान बनाना है (सुकर्म, बैज पर समझाना, सेन्टर खोलना, आदि)… गुणवान बनना है जैसे कि बाबा (परम पूज्य), देवताएं (रॉयल चलन) और आत्मा (आत्मा के अनादि गुण)
सार
तो चलिए आज सारा दिन… सिर्फ इसी धुन में रहे, कि हमें सतोप्रधान बनना और बनाना है… जिससे स्वतः हम सभी सदा के लिए सुखी हो, सतयुग ला देंगे… ओम् शान्ति!