Answers from Avyakt Murli 03-05-2020
1. जैसा समय, जैसी सेवा वैसे स्वयं को _____ करना ही रीयल गोल्ड बनना है।
° *मोल्ड*
2. सदा हर आत्मा के प्रति *कैसी भावना* हो? _(5 बातें)_
° *शुभ* भावना, *कल्याण* की भावना हो। *स्नेह* की भावना हो, *सहयोग* की भावना हो। सदा *श्रेष्ठ* भाव
3. मन-बुद्धि और संस्कारों पर _____ राज्य करने वाले स्वराज्य अधिकारी बनो।
° *सम्पूर्ण*
4. इस संगमयुग पर कौन से *5 खाते* जमा करने है?… और *कितना* जमा कर सकते?
° श्रेष्ठ *कर्मों* का, श्रेष्ठ *नॉलेज* का, श्रेष्ठ *सम्बन्ध* का, श्रेष्ठ *शक्तियों* का, श्रेष्ठ *गुणों* का सब श्रेष्ठ खाते अभी जमा करते हो।
° *जितना जमा करना चाहें* (एक का पदमगुणा मिलता, क्योंकि अभी डायरेक्ट बाप वर्से और वरदान दोनों रूप में प्राप्ति कराने के निमित्त हैं।)
5. _____ बनना अर्थात् बाप के दिल तख्तनशीन बनना।
° *बाप समान*
6. *डाक्टर्स का विशेष कार्य* क्या है? _(4 बाते)_
° हर आत्मा को *खुशी* देना। (पहली दवाई खुशी है।)
° *डबल लाइट* बनाए उड़ाना
° पुरानी दुनिया से उठाए *नई दुनिया* में बिठाना
° सदा के लिए *हेल्दी* बनाना (एवरहेल्दी, एवरवेल्दी)
7. सेवा का सबसे तीखा साधन है – _____ संकल्प से सेवा।
° *समर्थ* … (समर्थ संकल्प-बोल-कर्म, तीनों साथ-साथ!)
8. *डबल लाइट* बनने की 3 निशानीयां क्या है?
° डबल लाइट आत्मायें सदा सहज *उड़ती कला* का अनुभव करती है।
° *ऊंची स्थिति* (कोई भी परिस्थिति आवे)
° *हल्के* (कोई भी बोझ नहीं)
9. वार के समय ही _____ बनना। परीक्षा के समय ही _____ लेना। समस्या स्वरूप नहीं लेकिन _____ स्वरूप बनो।
° विजयी, नम्बरवन, *समाधान*
10. जो *अनेक बार विजयी* आत्मायें हैं, उन्हों की 3 निशानीयां क्या है?
° हर बात बहुत *सहज* और *हल्की* लगेगी ( *हुआ ही पड़ा है*, यह महसूसता सदा रहेगी)
° सदा *सफलता* है ही, *विजय* है ही- ऐसे *निश्चयबुद्धि* होंगे।
° कोई भी बात नई नहीं लगेगी, बहुत *पुरानी बात* है। इसी स्मृति से स्वयं को आगे बढ़ाते रहेंगे।
11. किसी से भी पूछो कैसे चल रहे हो? तो कह देते बहुत अच्छे चल रहे हैं। लेकिन किस _____ में चल रहे हैं, यह चेक करो
° *स्पीड*
12. इस *संगमयुग* को कौन से 5 सुन्दर टाइटल आज बाबा ने दिये हैं?
° *पुरुषोत्तम* युग या *धर्माऊ* युग (क्योंकि अभी का जमा खाता जन्म-जन्म अविनाशी चलता रहता)
° *परमात्म अवतरण* युग
° *डायरेक्ट बाप द्वारा प्राप्त शक्तियों* का युग यही गाया हुआ है।
° इसी युग में ही बाप विधाता और वरदाता का पार्ट बजाते हैं, इसलिए इस युग को *वरदानी* युग भी कहा जाता है।
13. किसी भी प्रकार के _____ में अपना अधिकार का वर्सा वा वरदान कम नहीं प्राप्त करना।
° *अलबेलेपन*
14. *गोल्डन एज* पुरूषार्थ / स्टेज, सेवा, स्वभाव, संस्कार किसे कहेंगे?
° गोल्डन एजड *स्टेज* अर्थात्… सतोप्रधान स्टेज [पुराने संस्कार का अलाए (खाद) नहीं।]
° गोल्डन एजड *सेवा* अर्थात्… अभिमान और अपमान का अलाए मिक्स न हो।
° गोल्डन एजड *स्वभाव* … ईर्ष्या, सिद्ध और ज़िद का भाव न हो।
° *संस्कार* में सदा हाँ जी।
15. किन *तीनों बातों से मुक्त* रह शुभचिंतक स्थिति के अनुभव द्वारा दाता के बच्चे मास्टर दाता बनेंगे?
° ईर्ष्या, घृणा, क्रिटिसाइज
16. _____ बनने का चैतन्य माडल, अभी स्व राज्य अधिकारी बनने से तैयार करते हो।
° *विश्व के राज्य अधिकारी*
17. *स्व अधिकारी* अर्थात् क्या?
° सर्व कर्मेन्द्रियों रूपी प्रजा के राजा बनना (कोई भी एक कर्मेन्द्रिय धोखा न दे)
18. दिनचर्या के हिसाब से किन 2 समय *जमा* होता? और किन 3 बातों से *खर्च* होता?
° *अमृतवेले* योग लगाया जमा किया। *क्लास* में स्टडी कर जमा किया।
° और फिर सारे दिन में *परिस्थितियों* के वश वा *माया* के वार के वश वा अपने *संस्कारों* के वश जो जमा किया वह युद्ध करते विजयी बनने में खर्च किया।