ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन – कविता

ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन – कविता

ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन
हो गये तेरी यादों में लवलीन

देकर हमारी सत्य पहचान, हो गये गुण शक्तियों से धनवान
अब करते, अपनी प्राप्तियों को सदा गीन
(ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन)

पाकर तुम्हारा प्यारा परिचय, संसार हमारा बना सुखमय
अब सुना लगता, तेरे बिन
(ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन)

दिखाकर दैवी मंजिल, जीवन हमारी बनाई सौमिल
सफल हुए हमारे रात-दिन
(ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन)

दिलाकर कल्याणकारी का ज्ञान, जिंदगी ऐसी बनी आसान
सुन्दर लगता ड्रामा का हर सीन
(ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन)

शिक्षायें देकर बेमिसाल, तुने किये बड़े कमाल
अब होते हर परिस्थिति में विन
(ऐसी पिलाई ज्ञान की मीठी सैक्रीन, हो गये तेरी यादों में लवलीन)


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