देकर सर्व ख़ज़ानो की चाबी, बनाया पद्मापद्म भाग्यवान – कविता
(मेरा बाबा, मीठा बाबा, प्यारा बाबा)
देकर यह सर्व ख़ज़ानो की चाबी, बनाया पद्मापद्म भाग्यवान
लुटाकर अखुट वरदानों की बौछार, जीवन बनाई आलीशान
ज्ञानामृत का मीठा सोमरस पिलाकर, मन बुद्धि किये refine
अलौकिक गुण ईश्वरीय शक्तियां बरसाकर, जीवन बनाई divine
अपनी नजरों से हमें संवारा, बनाया खुद समान
(देकर सर्व ख़ज़ानो की चाबी, बनाया पद्मापद्म भाग्यवान)
दिखाकर हमारी दिव्य शान्ति प्रेम आनंद से सम्पन्न reality
आई बोल में मधुरता, कर्म में कुशलता, व्यवहार में royalty
साधारण से इंसान को बनाया, इस जग में महान
(देकर सर्व ख़ज़ानो की चाबी, बनाया पद्मापद भाग्यवान)
बुराइयों पर कराये विन, बनाया हमे number one
दृष्टि में समाई शीतलता, संकल्पों में बहती पावन निर्मलता
पहनाकर विश्व कल्याण का ताज, पूरे कराये सबके अरमान
(देकर सर्व ख़ज़ानो की चाबी, बनाया पद्मापदा भाग्यवान)
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