सतोप्रधान अर्थात् क्या? | satopradhan meaning
Q. सतोप्रधान बनना अर्थात् क्या?
A. सतोप्रधान अर्थात् आत्मा रूपी battery को फुल चार्ज करना (तमो से रजो से सतो, 1% से 25%, 50% और आखिर 100%!) ?
इससे मुख्य प्राप्ति – हम सदा अपने सतोगुण (ज्ञान, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद, सर्व शक्तियां वा सारे दिव्यगुणों) के अनुभव में रहेंगे (बिना किसी आधार, परिस्थिति-व्यक्ति-कमजोर शरीर होते भी!)… और भविष्य में तो नंबरवन सूर्यवंशी पद प्राप्त कर, प्रकृति का सम्पूर्ण सुख प्राप्त करेंगे (सारा कल्प भी विभिन्न प्राप्तियां होती रहेंगी, क्योंकि battery धीरे-धीरे उतरती) ?
योग द्वारा सतोप्रधान बनने की विधि है मन को स्वच्छ -शुद्घ कर, अशरीरी (Statue!) हो… अपनी बुद्धि रूपी तार को powerhouse (निराकार ज्योति-बिन्दु स्वरूप शिवबाबा, सर्व गुण-शक्तियों के सागर!) से लगाना, तो इस स्मृति की करन्ट से सतोगुण का अनुभव हो आत्मा रूपी battery चार्ज होती… बुद्धि का कनेक्शन जारी रखने मन द्वारा भी भिन्न-भिन्न योग के संकल्प करते रहना! ?
जीवन में लगातार battery को चार्ज करते रहने की सर्वोत्तम विधि है “चार्ट” … भल शुरू में कई बार “0, No, कम संख्या” लिखनी पड़े; परन्तु यही चार्ट हमारे पुरूषार्थ की गाड़ी को धक्का देंगी… फिर जैसे ही थोड़ी-सी भी प्राप्ति होंगी, तो चार्ट की लगन लग जायेंगी, और फिर तो प्राप्ति ही प्राप्ति है! ?
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