Sakar Murli Churnings 07-02-2019
रूहानी सर्जन बाबा धीरज देते हैं, बाकी थोड़ा समय है, माया से मुक्त हो हम नई दुनिया में पहुँच जाएँगे… इसलिए याद की यात्रा में रह सतोप्रधान बनना है, सजाओं से छूटने लिए… ज्ञान अमृत पीतेे रह स्वदर्शन चक्रधारी बनकर दैवीगुण धारण करने है, विकारों को छोड़ देना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… याद की यात्रा में रह, दुःख के अंश मात्र से भी मुक्त रहे और अतिन्द्रीय सुख का सदा अनुभव करते रहे, जिससे वातावरण बहुत सुन्दर रहेगा, सबकी सेवा होगी, सतयुग बन जाएंगा… ओम् शान्ति!