Sakar Murli Churnings 08-02-2019
ड्रामा अनुसार अब वापिस घर जाने का समय है, बाबा आया है हमें लेने, तो पुरानी देह और दुनिया में ममत्व नहीँ रखना है… फिर नई दुनिया नये सम्बन्ध में चलना है, इसलिए अपनी जांच करनी है, चेक करना है, चार्ट रखना है, हमने कहा तक दैवीगुण धारण किए है, हमारी दृष्टि भाई-भाई की बनी है?, हम ज्ञान योग में कहा तक रेग्युलर है?
सार
तो चलिए आज सारा दिन… अपने सुखधाम-शान्तिधाम को याद करते रहे… जिससे सहज ही कमजोरियों से मुक्त दैवीगुण सम्पन्न बन जाएँगे, और को भी बनाते रहेंगे, सतयुग बनाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!