Our All-in-One Baba! | Sakar Murli Churnings 21-05-2019
1. हम आत्मा पार्टधारी ही, इस स्मृति से बाबा को याद करना है, तो कल्याण होता… सबको समझाना है, कैसे वह है:
- परमपिता (बेहद सुख का वर्सा दे, विश्व का मालिक बनाते)
- परम शिक्षक (ज्ञान का सागर, राजयोग सिखाते… मनुष्य सृष्टि का बीजरूप, सारे सृष्टि के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान सुनाते),
- सतगुरू (दुःखों से liberate कर, गाइड बन साथ ले जाते, सद्गति भी करते)
- सत्-चित्त-आनंद स्वरूप, सुख-शान्ति का सागर… जो हमें सर्वगुण सम्पन्न देवता बनाते
इससे स्वतः सिद्ध होता कि भगवान् सर्वव्यापी नहीं (टीचर-स्टूडेंट जरूर अलग होंगे)
2. श्रीमत से ऎसा श्रेष्ठाचारी बनते, कि अब तक देवताओं की पूजा होती है, और रावण एकदम अनराइटियस बना देता … मुख्य बात, कलियुगी अपवित्र मर्यादा जोड़ सम्पूर्ण पावन जरूर बनना है… रावण राज्य में सब दुःखी है, इसलिए औरों को भी भूँ-भूँ करते, सत्य ज्ञान दान देते रहना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें बाबा सर्व सम्बन्धों (मात-पिता, शिक्षक-सतगुरू, सखा-साजन, सर्जन-बच्चा) के रूप में मिल गए हैं, तो सदा उनके प्यार में डूबे हुए, सुखों के झूले में झूलते रहे, माया से अनजान… सबको भी यह सुख-खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले.. ओम् शान्ति!
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