Answers from Avyakt Murli 17-05-2020

*Om Shanti*

*Answers from Avyakt Murli 17-05-2020*

1. खुशियों के _____ के बच्चे बने हो तो हर संकल्प में, हर सेकण्ड खुशी की लहरों में लहराने वाले हो। सदा खुशियों के _____ हो!
° *सागर* , भण्डार

2. खुशी के लिए बाबा ने आज *16 विशेषण / उपमाएं* / शब्द प्रयोग किये… उनमें से कुछ बताइए।
° *रूहानी* खुशी, *आत्मिक* खुशी, *अलौकिक* खुशी, *आन्तरिक* खुशी , *वास्तविक* खुशी, *सदा* खुशी
° *अविनाशी* खुशी, *बेहद* खुशी, खुशी की *झलक* , खुशनसीबी की *फलक*
° खुशी का *खजाना* , खुशी का *भण्डार* , खुशियों के *सागर* (के बच्चे)
° खुशी की *खुशबू*, सदा खुशी के उमंग, उत्साह की *लहरों* , *भाग्य* की खुशी
° *मौज* , अतीन्द्रिय *सुख*

3. तो सदा स्वयं को _____ के आधार से संगठन की शक्ति में लाना, तिल समान _____ बनना और पतंग बन _____ में उड़ना, यह है आज के दिन का महत्व। साथ में जो भी कुछ _____ हो उसको दान में दे दो, _____ की आग जला दी। वह संक्रान्ति कहते हैं, आप _____ परिवर्तन कहेंगे।
° मधुरता (वा स्नेह), अति सूक्ष्म बिन्दी रूप, *उड़ती कला* , कमजोरी, दृढ़ संकल्प, संस्कार

4. बापदादा आज *किसको मिलने* आए है? *सम्पूर्ण पवित्रता* किसे कहेंगे?
° *होली-हैप्पी हंसों की सभा* (होली अर्थात् पवित्रता की प्रत्यक्ष निशानी-हैपी अर्थात् खुशी सदा प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देगी।)
° अयथार्थ-व्यर्थ-साधारण *संकल्प-बोल-कर्म को समर्थ-श्रेष्ठ* बनाना ही सम्पूर्ण पवित्रता है

5. सदा भगवान और भाग्य की _____ में रहने वाले सर्वश्रेष्ठ भाग्यवान भव
° *स्मृति*

6. हम *ब्राह्मण* क्यूँ बने है?
° खुशी की जीवन व्यतीत करने के लिए ही श्रेष्ठ रूहानी जीवन अपनाई
° *रूहानी आन्तरिक खुशी वा अतीन्द्रिय सुख* जो सारे कल्प में नहीं प्राप्त हो सकता है वह प्राप्त करने के लिए ब्राह्मण बने हो।

7. बेहद की खुशी सेवा की वा सर्व के स्नेह की, सर्व द्वारा अविनाशी सम्मान प्राप्त होने की _____ अर्थात् श्रेष्ठ भाग्य स्वत: ही अनुभूति करायेगी। अविनाशी खुशी की निशानी है- उनको औरों से भी सदा खुशी की _____ अवश्य प्राप्त होंगी।
° *खुशनसीबी* , दुआयें

8. *सच्ची सेवा* किसे कहेंगे? _(4)_
° अपने *हर्षितमुख चेहरे* से सर्व प्राप्तियों की अनुभूति कराना – सच्ची सेवा है।
° सच्ची सेवा सदा बेहद की स्थिति का, *बेहद की खुशी* का अनुभव कराती है। स्वउन्नति, *स्व प्राप्ति* , सन्तुष्टता और *महानता* की अनुभूति
° सेवा अर्थात् *फूलों के बगीचे को हरा-भरा* करना। सेवा अर्थात् फूलों के बगीचे का अनुभव करना
° सबसे स्नेह, सम्मान, *दुआएं* प्राप्त करना

9. सदा _____ की कहानियाँ सबको सुनाते रहो।
° *अनुभव*

10. आज *अंतरराष्ट्रीय योग* में कौन सा अभ्यास करना है?
° सदा इसी स्वमान में बैठें कि मैं आत्मा *सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न सर्वश्रेष्ठ भाग्यवान आत्मा* हूँ।
° *प्यार के सागर बाप* के प्यार की किरणें निकलकर मुझ आत्मा में समाती जा रही हैं।
° वही प्यार के *वायब्रेशन चारों ओर* वातावरण में फैल रहे हैं।

11. प्रवृत्ति में रहते सदा _____ और बाप के प्यारे हो ना! तीनों ही प्रकार के _____ में जरा भी कमी है तो निश्चिन्त नहीं रह सकते।माया हिल जाए आपका निश्चय रूपी पांव न हिले। माया स्वयं _____ होती है। सदा _____ यही आपका पांव है।
° न्यारे, *निश्चय* , सरेण्डर, एक बल एक भरोसा (वा निश्चय)

12. दुनिया वाले सिर्फ कहते हैं कि खाओ पियो मौज करो… *बापदादा* क्या कहते?
° खाओ और *खिलाओ* । मौज में रहो और *मौज में लाओ* ।

13. इस वर्ष विशेष _____ पर अटेन्शन रखने का समय दिया जा रहा है।
° *स्व*

14. खुशी किन 7 बातों के *आधार पर नहीं* होनी चाहिए?
° साधन, हद की प्राप्ति
° थोड़े समय की सफलता, मान्यता, नामाचार
° इच्छा पूर्ति, अच्छा लगना (चाहे व्यक्ति, वैभव, स्थान से)

15. *बलिहार* होना अर्थात्‌ क्या?
° बलिहार अर्थात् सदा समर्पित हो *बलवान* बनने वाले। मेरा कुछ नहीं (शरीर भी नहीं)

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