*Om Shanti*
*Answers from Sakar Murli 03-06-2020*
1. तुम बच्चों को अब यह निश्चय रखना है, हम ईश्वरीय _____ हैं। _(3 उत्तर)_
° *सन्तान*, औलाद, सम्प्रदाय
2. हमें बाबा को *कैसे याद* करना है? _(5 शब्द)_
° चलते, फिरते, उठते, बैठते, *कुर्बान* हो
3. परमपिता परमात्मा ही आकर सबको _____ बना देते हैं। सतयुग में हर _____ में सुख ही सुख है। हम फिर से 5 हज़ार वर्ष पहले मुआफिफक दैवी _____ की स्थापना कर रहे हैं। फिर हम दैवी _____ बनेंगे। तुम बच्चों को सबको _____ देना है। _____ ही यहाँ आते हैं और समझते हैं बाबा हमको फिर से सुखधाम का मालिक बनाते हैं। हम ही 100 प्रतिशत पवित्र _____ मार्ग वाले थे।
° *सुखी-शान्त*, हालत, स्वराज्य, सम्प्रदाय, सुख, निश्चयबुद्धि, गृहस्थ
4. सतयुग में हैं पूज्य, यहाँ हैं पुजारी। *हम कैसे हैं?*
° तुम हो *शिवशक्तियां*। अभी तुम न पुजारी, न पूज्य हो।
5. अभी तुम्हारी आत्मा _____ करती हैं देखें कौन शिवबाबा को जास्ती याद करते हैं। शिवबाबा की याद में रहते-रहते ही शरीर छूट जाए तो अहो _____। बेड़ा ही _____।
° रेस, *सौभाग्य*, पार
6. हमारा *धन्धा* क्या है?
° अब बाप कहते हैं तुम बच्चों को मन्सा, वाचा, कर्मणा सबको *सुख देना* है। सबको *सुखधाम का रास्ता* बताना है। तुम्हारा धन्धा ही यह हुआ।
7. _____ बाप और समय का हर सेकण्ड _____ उठाने वाले निश्चयबुद्धि, निश्चिंत भव। जो भी दृश्य चल रहा है उसे _____ बनकर देखो, हिम्मत और हुल्लास में रह स्वयं भी _____ आत्मा बनो और विश्व को भी बनाओ। स्वयं के तूफानों में हिलो मत, _____ बनो। जो समय मिला है, साथ मिला है, अनेक प्रकार के खजाने मिल रहे हैं उनसे _____ और _____ बनो।
° *कल्याणकारी*, लाभ, त्रिकालदर्शी, समर्थ, अचल, सम्पत्तिवान, समर्थीवान
8. शिव शक्तियों का *ज्यादा मान* है, या लक्ष्मी-नारायण का? क्यों?
° तुम्हारा मान शिव शक्तियों के रूप में है। तुम्हारे आगे लक्ष्मी-नारायण का तो कुछ भी मान नहीं। शिव शक्तियों का ही नाम बाला है क्योंकि जैसे बाप ने सर्विस की है, सबको पवित्र बनाकर सदा सुखी बनाया है, ऐसे तुम भी *बाप के मददगार* बने हो, इसलिए तुम शक्तियाँ भारत माताओं की महिमा है।
° यह लक्ष्मी-नारायण तो राजा-रानी और प्रजा सब स्वर्गवासी हैं। वह बड़ी बात है क्या! नर्कवासियों को *स्वर्गवासी तुम बनाते* हो।
9. बाप के _____ का _____ लगाओ तो बुराईयां स्वत: समाप्त हो जायेंगी। _(स्लोगन)_
° *संग*, रंग
10. बाबा ऊँच ते ऊँच *श्रीमत* क्यों देते? _(3)_
° हमको श्रेष्ठ मत मिलती है, *सबको श्रेष्ठ बनाने* के लिए
° अभी *सबको सुख देने* के लिए ही बाबा श्रेष्ठ मत देते हैं।
° शिवबाबा की श्रीमत हमको क्या से क्या बनाती है! *स्वर्ग का मालिक*।
11. यहाँ तो हंगामें की कोई बात ही नहीं। तुम बड़ा _____ से बैठे हो। सब _____ होते हैं।
° *शान्ति*, खुश
12. *कृष्ण* की बाबा ने किन शब्दों में महिमा की? _(4)_
° कृष्ण को देखते ही उनको *चटक* पड़ेंगे। उनमें तो बहुत *चमत्कार* रहता है। कृष्ण के सिवाए और कोई बात बुद्धि में बैठती ही नहीं। वही सबसे *तेजोमय* है।
13. मीठे-मीठे _____ बच्चे जानते हैं बाप हमको सब युक्तियां, सब राज़ समझाते हैं। मुख्य बात यह है कि बाप को याद करो। _____ बाप तुम्हारे सामने बैठे हैं, कितना _____ है, कोई अहंकार नहीं। बापदादा दोनों ही बच्चों के _____ हैं। ऐसे बाप के पिछाड़ी तो _____ जाना चाहिए।
° फूल, पतित-पावन, निर्मान, सर्वेन्ट, *कुर्बान*
14. गायन है *द्रौपदी के पांव दबाये।* इसका भी अर्थ क्या है?
° स्थूल में पांव दबाने की बात नहीं है। बाबा के पास बुढ़ियां आदि बहुत आती हैं, जानते हैं भक्ति करते-करते थक गई हैं। आधाकल्प बहुत धक्के खाये हैं ना। (यह थकान बाबा मिटा देते।)
15. तुम बाप को अपने पास _____ देते हो ना। तुम हो शिव शक्ति, शिव के बच्चे। तुम बाप से _____ लेते हो। तुम जानते हो बाबा हमको _____ बना रहे हैं। यहाँ तो तुमको मोस्ट _____ बनना है।
° निमंत्रण, शक्ति, *पुरुषोत्तम*, बील्वेड
16. किनकी दिल होती है हम *गांव-गांव में जाकर सर्विस* करें?
सबको क्या *खुशखबरी* सुनानी है?
तुमसे पूछते हैं तुम्हारा *उद्देश्य* क्या है?
° जो *रहमदिल बच्चे* हैं उनकी दिल होती गांव-गांव में जाकर सर्विस करें।
° सबको यही खुशखबरी सुनानी है कि *विश्व में पवित्रता, सुख, शान्ति का दैवी स्वराज्य स्थापन हो रहा* है
° उद्देश्य है *मनुष्य से देवता बनना।*
17. याद से ही तुम _____ पावन बनते हो। पति
तुम बाप को याद करते हो तो इस याद के _____ से पाप कटते हैं। बाबा हम आपके पास चलें। आपको ही याद करते-करते जब हमारी आत्मा _____ हो जायेगी तो आप हमको _____ ले जायेंगे।
° विकर्माजीत, बल, *पवित्र*, साथ
18. मनुष्य मात्र एक-दो को दु:ख ही देते हैं। उन्हों क्या नहीं पता?
मनुष्य समझते हैं कि वेद-शास्त्र आदि सब भगवान से मिलने के रास्ते हैं और भगवान क्या कहते है?
° दुःख देते हैं, उनको यह नहीं पता कि *सुखधाम भी होता है।*
° भगवान कहते हैं-इन वेद-शास्त्रों से कोई भी मेरे साथ मिलता नहीं है। *मैं ही आता हूँ*, तब तो मेरी जयन्ती भी मनाते हैं, परन्तु कब और किसके शरीर में आता हूँ, यह कोई नहीं जानते। सिवाए तुम ब्राह्मणों के।