Becoming satopradhan! | Sakar Murli Churnings 04-03-2020

Becoming satopradhan! | Sakar Murli Churnings 04-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हम आत्मा सुप्रिम पतित-पावन की याद द्वारा पावन-सतोप्रधान बनती (भाई-भाई की दृष्टि रखती), जिससे मुक्ति-जीवनमुक्ति का वर्सा प्राप्त कर लेते (सदा बहारी मोसम)… बेहद विश्व-कल्याणकारी बन सबका कल्याण करते (हमारे पास सम्पूर्ण ज्ञान है)


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Becoming a beautiful fairy, by using the biggest treasure! | Sakar Murli Churnings 03-03-2020

Becoming a beautiful fairy, by using the biggest treasure! | Sakar Murli Churnings 03-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. यह संगमयुगी-पढ़ाई (पतित-पावन से बुद्धियोग द्वारा पावन-दिव्यगुण सम्पन्न-खुशी-नशे से भरपूर बनने की) ख़ज़ाना-कमाई है (जिससे नई दुनिया-स्वर्ग में चैन पाते, सुन्दर परी-देवता रूप में)

2. इस यूनिवर्सिटी में जो अच्छे से पढ़ते-श्रीमत पर चलते, उनपर ही बृहस्पति की दशा कहेंगे (कोई बहाना-उबासी-भटकना नहीं)… स्वच्छ-सतोप्रधान बुद्धि वाले पक्की योगी बन, सच्ची-सेवा करने वाले मातेले बनना है

चिन्तन

जबकि इस spiritual-स्टडी़ के सर्वश्रेष्ठ-ख़ज़ाने से हम स्वर्ग की सुन्दर-परियां बन रहे… तो सदा इन अमूल्य ज्ञान-खज़ानो का बुद्धि में सिमरण कर योग द्वारा जीवन में लाते, सदा हर्षित-दिव्यगुण सम्पन्न चलन वाले सुन्दर परी-फरिश्ता बन… सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Using the Intellect to control the Mind! | Sakar Murli Churnings 02-03-2020

Using the Intellect to control the Mind! | Sakar Murli Churnings 02-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि रूहानी बाप-टीचर-सतगुरू हमें सच्चा गीता ज्ञान-राजयोग सिखाकर कन्स्ट्रक्शन ऑफ डीटी डिनायस्टी, (100% प्योरिटी-पीस-प्रासपर्टी) कर रहे… तो देह-सहित सबकुछ भूल चुप रह अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर, विकर्म विनाश-निरोगी बन वर्सा प्राप्त कर ले (भल उल्टे संकल्प आए, उन्हें कंट्रोल करना है)… साथ में नशे से अविनाशी ज्ञान-रत्नों का दान कर ऊँच-पद पाना है (बैज पर भी समझा सकते, बाबा को याद करने से कृष्णपुरी पहुँच जाएंगे)

2. (मातेश्वरी जी)… कर्म-बन्धनों से परे जाने बाबा को समर्पित हो, उनकी मत पर चलना है (हिम्मत रख, तब ही खुशी में रह, बाबा के सच्चे मददगार बन सकेंगे)… जब समर्थ साथ है, तो सबकुछ सहज है (सिर्फ बुद्धि को पवित्र रखना है)

चिन्तन

जबकि बुद्धि-सारथी द्वारा ही मन-घोड़े का नियंत्रण होता, तो सदा श्रीमत-लगाम को दृढ़ता से पकड़… ज्ञान-योग-धारणा-सेवा में खुशी-खुशी ईश्वरीय-दिनचर्या प्रमाण आगे बढ़, सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रह… सबके लिए श्रेष्ठ-उदाहरण बनते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being full of spiritual power! | Avyakt Murli Churnings 01-03-2020

Being full of spiritual power! | Avyakt Murli Churnings 01-03-2020

1. जबकि हम रूहानी-शक्ति के अधिकारी बन गये हैं (यादप्यार में भी बाबा रोज़ स्मृति दिलाते), तो परिवर्तन-जीवनमुक्त तो होना ही है (तब ही भविष्य-जीवनमुक्त प्रालब्ध बनेंगी)… इसके लिए मन्सा-वाचा-कर्मणा तीनों शक्तिशाली करना है (तब ही युक्तियुक्त-जीवनमुक्त रह, स्वयं की सम्पन्नता-बाबा को प्रत्यक्ष कर सकेंगे)

2. बन्धन कारण परवश रह, सदा एकरस-अतीन्द्रिय सुख का अनुभव नहीं कर पाते (भल थोड़ी देर सेवा-संगठन-संग-साधन कारण खुश रहें)… मुख्य है मन्सा का बन्धन, जिस कारण हवाई महल बांधने में बिजी-दिलशिकश्त रहते (फिर अभिमान वश दोष देते, मेहसूसता समाप्त), यह सूक्ष्म रीति बाँध उल्टा नशा भी चढ़ाते.. इस लिए इन्हें चेक कर मुक्त होना, व्यर्थ-ईर्षा-आलस्य से भी (स्वयं मुक्त होने के बाद ही भिन्न-भिन्न आत्माओं को मुक्ति दिला सकेंगे)

पार्टियों से

1. सुनने के साथ स्वरूप बनने से शक्तिशाली होते (रोज़ स्वयं औरों प्रति नये उमंग-उत्साह के संकल्प का स्वरूप बन सेवा में लगाना)… अमृतवेला सेट करना, और फिर रात को चेक (ऐसा मनोरंजन प्रोग्राम)

2. शक्तिशाली याद से ही अनुभव-एकरस होते, सभी शक्तियों (तन-मन-धन) को सेवा में लगाने से सफलता होती… अनेक जन्मों के पद्म जमा करने से यह 1 जन्म तो मेहनत-मुक्त रहेंगे ही, इस राज़ को जान खुशी-खुशी सेवा में आगे बढ़ना है

3. सेवाधारी अर्थात लगन में मगन रह, औरों को भी करना (खुशी में रह, खुशी दिलाना).. यह अलौकिक-स्टड़ी ही अविनाशी-प्राप्ति कराती, यह जान आगे बढ़ औरों को आगे बढ़ाते रहना, सदा याद और सेवा (उन्नति प्राप्त करते रहना)

4. (नौकरी वाली कुमारियां)… निर्बन्धन होते भी दो नांव में पैर रखने से परेशान रहेंगे, सिर्फ हिम्मत चाहिए (बाबा भी साथ है)… संगम का हमारा विशेष पार्ट है सेवाधारी बनना (यही गोल्डन चांस-वरदान है), उसमें लगन होने से लौकिक-पढ़ाई विघ्न नहीं बनती (सदा भाग्य बनाते, नशे में रहतेे)

सार (चिन्तन)

सदा हर पॉइंट को स्वरूप में लाते शक्तिशाली-याद द्वारा रूहानी शक्ति से मन्सा-वाचा-कर्मणा सम्पन्न-शक्तिशाली रह… सदा जीवनमुक्त-एकरस-अतीन्द्रिय सुख-सर्व प्राप्ति सम्पन्न रह… हिम्मत रख सेवाधारी बन खुशी-खुशी सेवा में आगे बढ़ते, स्वयं-सर्व का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Passing the exam! | Sakar Murli Churnings 29-02-2020

Passing the exam! | Sakar Murli Churnings 29-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि बाबा ने हम ब्राह्मण-बच्चों को adopt किया है, सतयुग-स्वर्ग-सुखधाम का वर्सा देकर देवता बनाने (सम्पूर्ण-धनवान)… तो सदा माया को डोंट केयर कर, अच्छे से पढ़कर, अपने को बिन्दी-आत्मा समझ एक-निराकार पतित-पावन बिन्दी शिवबाबा की याद द्वारा विकर्म-विनाश पावन-खुश बन ऊँच पद पा ले (बाकी सब ड्रामा है)… सेवा भी करते रहना

चिन्तन

जबकि हमारी बुद्धि में पढ़ाई का तन्त समा गया है (मन्मनाभव-मध्याजीभव, अल्प-बे)… तो सदा ज्ञान-चिन्तन वा योग द्वारा ज्ञान-याद-गुण स्वरूप सर्व प्राप्ति सम्पन्न बन… सदा अपनी डबल-लाइट फरिश्ता स्थिति का अनुभव करते, सबको प्रेरणा देकर आप-समान बनाते, इम्तिहान में सम्पूर्ण पास हो, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Welcoming the Supreme Guest! | Sakar Murli Churnings 28-02-2020

Welcoming the Supreme Guest! | Sakar Murli Churnings 28-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सबसे बड़ी-आसामी (Highest-अथॉरिटी) बाबा हम सिताएं-ब्राइड्स के बुलावे पर पुरानी दुनिया में गेस्ट ऑफ आनर बन आकर हमें सम्पूर्ण ज्ञान दिया है, तो इसका सम्पूर्ण निश्चय-नशा हो… उनकी श्रीमत पर, अपने को निराकार-बिन्दी अकालमूर्त-आत्मा समझ निराकार-बिन्दी पतित-पावन परमात्मा को याद कर, पावन-अतीन्द्रिय सुख से सम्पन्न-कर्मातीत बन, देवता-राजा बन जाए… बाकी सब ड्रामा है, जिसका भी हमे पूरा ज्ञान है

चिन्तन

जबकि सबसे प्यारे ये प्यारा सर्वोत्तम-मेहमान हमारे लिए आया है… तो उनकी दिल की दुआएं प्राप्त करने, उनकी श्रीमत-मदद-वरदानों का सम्पूर्ण लाभ उठाने… सदा अपनी ईश्वरीय ज्ञान-योग सम्पन्न दिनचर्या को दिल से निभाते… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming divine! | Sakar Murli Churnings 27-02-2020

Becoming divine! | Sakar Murli Churnings 27-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

ज्ञान-सागर बाबा ने हमे सारा ज्ञान दे दिया है (कैसे अब हम कलियुगी से सतयुगी-पावन-पूज्य-देवता बन रहे)… तो फिर से ऐसे दैवी-श्रेष्ठ धर्म-कर्म वाले बनने, जरा भी देह प्रति बुद्धि न जाए (कुदृष्टि-ख़यालात-हंसी-वचन से परे), ऐसा पक्का आत्म-अभिमानी बनना है (एक-निराकार-रूहानी पवित्र-शान्ति सागर की याद द्वारा, सदा बाबा-बाबा ही करते)… ऐसे पावन-सतोप्रधान धारणा-मूर्त होकर, सब को मुक्ति-जीवनमुक्ति का रास्ता दिखाते रहे (लेबर-फोरेनर्स को भी)

चिन्तन

जबकि हमारी ऐम-ओबजेक्ट सदा हमारे सामने है… तो आज योग के पहले इस चित्र को देख, फिर बहुत खुशी-दृढ़ता से आत्मिक-स्वरूप में एकाग्र हो, सर्व गुण-शक्तियों के सागर बाबा की शीतल लहरों में लहराते… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते-बनाते, सारा दिन स्वयं-सर्व का सर्वश्रेष्ठ भाग्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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कितना मीठा, कितना प्यारा, शिव भोला भगवान्.. | Sakar Murli Churnings 26-02-2020

कितना मीठा, कितना प्यारा, शिव भोला भगवान्.. | Sakar Murli Churnings 26-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि बुद्धिवानों की बुद्धि बाबा ने हमे सम्पूर्ण ड्रामा-झाड़ का ज्ञान देकर, उसका सहज बीज़-सार दे दिया है, कि…

2. अपने को अकाल-तख्तनशीन आत्मा समझ एक निराकार पतित-पावन मीठे-प्यारे भोलेनाथ-माशूक को याद कर… विकर्म-विनाश पावन-शान्त-खुशी से भरपूर-अचल बन, ताऊसी-तख्तनशीन (विश्व के मलिक) देवता लक्ष्मी-नारायण बन जाए…

3. सेवा भी करते रहना (गीतों से रिफ्रेश हो अर्थ भी निकाल सकते), इम्तिहान के दिन अब नजदीक आ रहे

चिन्तन

बाबा के wonderful गीतों को सुनने के साथ-साथ, वाह बाबा-ड्रामा-भाग्य-मैं वाह के दिल से खुशी के गीत गाने लिए… सदा अपने को ज्ञान-योग के सहज-शक्तिशाली अभ्यासों द्वारा सर्व-प्राप्ति-सम्पन, शान्ति-प्रेम आनंद से भरपूर कर… समस्याओं से अधिक शक्तिशाली स्थिति में स्थित रह, सबके जीवन को भी श्रेष्ठ-सुखी बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Ensuring a first-class happy fragrant face, through God’s accurate remembrance! | Sakar Murli Churnings 25-02-2020

Ensuring a first-class happy fragrant face, through God’s accurate remembrance! | Sakar Murli Churnings 25-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हमें इस स्प्रीचुअल-युनिवर्सिटी में स्प्रीचुअल-इनकारपोरियल गॉड-फादर द्वारा सम्पूर्ण रचता-रचना का ज्ञान मिल, हम भगवान् को यथार्थ पहचान याद करते हैं (छोटी-बिन्दी रूप में, अपने को भी छोटी-आत्मा समझ)…जिससे पावन-पारसबुद्धि बन सुखी हो जाते (गोल्डन ऐज-सतयुग में देवता-रूप में)

2. सबको प्रदर्शनी-गोला-सीढ़ी-बाजोली पर गीता-ज्ञान समझाना है (समझू को तीर लग जाएंगा, सहनशील रहना, परन्तु कुदृष्टि-कुचलन से बचे रहना)… याद द्वारा फर्स्टक्लास-खुशनुमा चेहरा-हर्षित रहना

चिन्तन

जबकि हम ही वह चुने हुए पद्मापद्म-भाग्यशाली बच्चें है, जिन्हें बाबा का सत्य परिचय मिला है… तो सदा अपनी दिनचर्या को ही ईश्वरीय-श्रीमत प्रमाण ज्ञान-योग सम्पन्न बना ले, जिससे बार-बार याद द्वारा हमारी frequency ऊँची-श्रेष्ठ शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहे… हम सबके लिए उदाहरण बन कल्याणकारी बनते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Pouring jewels of spiritual wisdom! | Sakar Murli Churnings 24-02-2020

Pouring jewels of spiritual wisdom! | Sakar Murli Churnings 24-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि रत्नागर-बाबा ने हमे अविनाशी ज्ञान-रत्नों के जवाहारातो से सम्पन्न कर दिया है, हम जानते हैं अभी अमरलोक-बगीचे में जाना है श्रेष्ठाचारी-पावन-देवता रूप में (सम्पूर्ण solvent-अमर-सुखी)… तो sensible बन एक रूहानी-पावन-सत्य बाबा की याद में रह, पावन हीरे-तुल्य खुश फूल बन (संग की सम्भाल रखते)… सबको ज्ञान के जवाहारातो से साहूकार बनाते-बरसते, ऊँच पद पाएं

चिन्तन

जबकि ज्ञान-गुण-शक्तियों के सागर बाबा हमें सबकुछ देने लिए तैयार है… तो सदा उनके सर्वश्रेष्ठ संग में रह, भरपूर-सम्पन्न रूहानी-बादल बन… अपने दिव्य-वाइब्रेशन, खुशी-श्रेष्ठता सम्पन्न जीवन-सम्पर्क द्वारा सबको आप-समान सर्वश्रेष्ठ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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