Being full of spiritual intoxication! | ईश्वरीय नशा | Avyakt Murli Churnings 23-02-2020

Being full of spiritual intoxication! | ईश्वरीय नशा | Avyakt Murli Churnings 23-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हमारे निश्चय का प्रत्यक्ष-प्रमाण है, हर कदम-कर्म-ज्ञानी योगी जीवन (अर्थात् संकल्प-बोल-कर्म-चेहरे) में रूहानी नशा-खुशी प्रत्यक्ष अनुभव हो… चार प्रकार के नशे:

  1. अशरीरी-आत्मिक स्वरूप का
  2. अलौकिक जीवन का
  3. फरिश्ते-पन का
  4. भविष्य का

इनमें से एक भी साकार रूप में लाने से (सिर्फ संकल्प तक नहीं) पुराने संस्कार-संसार (सम्बंध-पदार्थ) से परे रहेंगे, सहज परिवर्तन अनुभव करेंगे (कर्म-सम्पर्क) में…हमारे मस्तक-वृत्ति-दृष्टि-मुस्कान-बोल द्वारा सबको आकर्षित-छत्रछाया बनेंगे, ऐसे ब्लिसफुल-सक्सेसफुलबेफिक्र बादशाही में माया की कोई चाल नहीं चलेंगी

पार्टियों से

1. (टीचर्स)… अपनी शक्तियों द्वारा औरों को शक्तिशाली-बलवान बनाने वाले (यही सच्ची सेवा-हीरो पार्ट है)… सदा सेवा में आगे बढ़ते, कई बातों से किनारा रहेंगे… सभी साधन (सेवा-स्थान, आदि) को विधी-पूर्वक शक्ति भरकर कार्य में लगाकर क्वालिटी बनाने वाले

2. (कुमारों)… धमाल बदले कमाल करने लिए, शक्तिशाली बनने, चाहिए मास्टर सर्वशक्तिमान की स्मृति (तो माया की कोई युक्ति नहीं चलेंगी)… स्व पर अटेन्शन से ही सेवा में शक्ति भरती (इसलिए सदा शक्तिशाली अभ्यास-स्व उन्नति के प्रोग्राम करते रहना)… हम भाग्यवान-निर्बन्धन-उड़ती कला वाले बाबा के प्यारे है (सदा याद-सेवा के बैलैंस द्वारा उड़ती कला, परिस्थिति नीचे-ऊपर न करें)

3. (अधर-कुमारों 1)… हम अपने जीवन के परिवर्तन द्वारा सेवा करने वाले है, इसलिए हर कर्म में परिवर्तन का लक्ष्य (तो स्वयं भी खुश-सन्तुष्ट रहेंगे, सेवा भी होंगी)… अपनी शक्तिशाली-दृष्टि द्वारा सबकी दृष्टि बदलने वाले

4. (अधर-कुमारों 2)… क्या थे और क्या बन गए (तो पुराने संस्कार से परे रहेंगे), और क्या बनने वाले है (तो खुशी से आगे बढ़ते रहेंगे)… ऐसे वर्तमान-भविष्य श्रेष्ठ… सदा अपने बेहद-भाग्यवान-निःस्वार्थ ईश्वरीय परिवार को देख खुुश होते

5. (कुमारियां)… मैं विश्व कल्याणकारी हूँ, इस स्मृति से समर्थ रहेंगे-करेंगे (व्यर्थ से मुक्त)… भाग्यवान है, बाबा के साथ द्वारा स्वयं-सर्व का श्रेष्ठ जीवन बनाने बाली, सदा एक बाबा दूसरा ना कोई

6. न्यारे-प्यारे रहने से बनेंगे सबके प्रिय-प्यारे

सार (चिन्तन)

सदा शक्तिशाली-अभ्यासों द्वारा अपने श्रेष्ठ स्वरूपों के निश्चय-नशे-खुशी-उड़ती कला में रह, सहज परिवर्तन का अनुभव कर शक्तिशाली रह… सबको शक्तिशाली बनाते, अपने जीवन के परिवर्तन द्वारा सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings

Thanks for reading this article on ”

Entering Krishnapuri! | Sakar Murli Churnings 22-02-2020

Entering Krishnapuri! | Sakar Murli Churnings 22-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

क्योंकि बाबा निराकार जन्म-मरण रहित सूक्ष्म-बिन्दु है, उनका ही सतसंग-प्रीत से याद द्वारा विजयी बनते (कृष्णपुरी-नई दुनिया-स्वर्ग के मलिक, पावन सर्वगुण-सम्पन्न कृष्ण समान)… इसलिए अच्छे से पढ़ना है (साक्षात्कार की आश नहीं… हम ही ड्रामा के हीरो ऐक्टर्स है), पावन-धारणा मूर्त ईश्वरीय-नशे में रह सबकी सेवा करनी है, 21 जन्म ऊँच-पद जरूर प्राप्त करना है

चिन्तन

जबकि भगवान् हमारे लिए स्वर्ग की सौगात लाये है… तो सदा अपनी ऐम-ओबजेक्ट को सामने रख, ज्ञान-चिन्तन वा योग के प्रयोग द्वारा सदा पावन शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न स्थिति का अनुभव कर… सबकी विशेषताएं देखते, सम्मान देते, मीठे बोल द्वारा सर्वश्रेष्ठ सेवा करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Entering Krishnapuri! | Sakar Murli Churnings 22-02-2020’

Spiritual Significance of Mahashivratri, in God’s own words! | Baba Milan Murli Churnings 20-02-2020

Spiritual Significance of Mahashivratri, in God’s own words! | Baba Milan Murli Churnings 20-02-2020

1. आज बाबा अपना (वा लाड़ले-सिकिलधे-परमातम प्यार के पात्र बच्चों का) बर्थ-डे मनाने-बधाई देने आए हैं (जो कल्प में एक ही बार होता, बाप-बच्चों का एक साथ!)… बाबा का हमपे कितना गहरा-प्यार है (जन्म भी साथ, और विश्व-कल्याण का कार्य भी साथ करते)बच्चे भी बाप से कम्बाइन्ड रहते (उमंग-दिल से गीत गाते वाह बाबा-बर्थ डे), और वायदा है साथ चलेंगे… लास्ट-बच्चा भी कहता मेरा बाबा, जिसका बाबा को भी नाज़-महत्व है (हमें सौगुना वाह-वाह कहते)

2. उत्सव अर्थात्‌ ही उत्साह में रहना… जो हम ज्ञान-प्रेम से मनाते, उसका ही श्रद्धा-भावना से भक्ति में यादगार-काॅपी होता… शिवरात्री का आध्यात्मिक-रहस्य:

  • वृत्तियों को श्रेष्ठ रखने लिए सम्पूर्ण पवित्रता का पक्का-व्रत (पांचो विकारों का मन्सा में भी अंश न हो, यह व्रत एक ही बार लेना होता)… पवित्रता तो हमारी प्रॉपर्टी-पर्सनैलिटी-रॉयल्टी है (जन्मते ही वरदान मिला, पवित्र भव योगी भव, पाँचों के लिए), अब बनना है ब्रह्मा-चारी
  • आलस्य-अलबेलापन-बहानेबाजी की नींद से जागरण… होता-चलता-महारथी भी करते, यह हो गया उनका दोष-आदि से परे (हमे तो बाबा की श्रीमत पर चलना है)… समय का कोई भरोसा नहीं, बहुतकाल के अभ्यास से ही लक्ष्मी-नारायण बनेंगे (सब हमें फोलो करते)… भल झुकना-बदलना-परिवर्तन होना पडेे, याद-सेवा के डबल-आलमाइटी-लॉक से कमज़ोरी का दरवाजा बन्द

पार्टियों से

  • (भोपाल)… छुपे वीआईपी को मैदान पर लाना, 1 बर्ष में वारिस क्वालिटी सामने लाना… सेवा का गोल्डन चांस अच्छा लिया (स्व-उन्नति, यज्ञ-सेवा से पुण्य का खाता जमा)
  • (विदेशी)… कल्चर ट्रान्सफर अच्छा किया, संगठन को एक चंदन का वृक्ष बनाया है, आसपास की सेवा अच्छी कर रहे… एक बाबा संसार है, तो नम्बर-एक लेना है (इस उमंग-संकल्प में सिर्फ दृढ़ता-फोर्स भरना)
  • (कार्ड-पत्र-ग्रीटिंग, वा संकल्प-उमंग भेजने वालों को) बाबा का भी यादप्यार… (मधुबन में) सम्मुख सुनने से उन्नति और ही है
  • (यादप्यार में) सदा एकनामी-एकॉनाॅमी-एकाग्रता से आगे उड़ते वाले विशेष-बच्चे

सार (चिन्तन)

जबकि बाबा ने इतने प्यार से हमारे साथ बर्थ-डे मनाया (हमने भी बाबा से कम्बाइन्ड रह, वाह-वाह के गीत गाये)… तो अब बाबा को गिफ्ट देने, सम्पूर्ण पवित्रता का पक्का व्रत ले, सदा के लिए बहानेबाजी की नींद से जागरण कर… याद-सेवा के डबल-लॉक द्वारा नम्बर-वन ले, सर्वश्रेष्ठ पुण्य का खाता जमा करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Baba Milan Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Spiritual Significance of Mahashivratri, in God’s own words! | Baba Milan Murli Churnings 20-02-2020’

Realizing the self! | Sakar Murli Churnings 20-02-2020

Realizing the self! | Sakar Murli Churnings 20-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि स्वयं भगवान् ने हमें पढ़ाकर आत्मा-परमात्मा-देवता-समय-चक्र-ड्रामा की सम्पूर्ण-सत्य समझ दे दी है (सेल्फ realization कराकर देवता बना रहे, वैकुण्ठ-विष्णुपुरी के मालिक)… तो दौड़ी लगाकर, हमारे पतित-पावन सद्गति-दाता सुप्रिम बाप-टीचर-सतगुरू को याद कर (तमोप्रधान देह-दुनिया से जरा भी लगाव नहीं).. बहुत खुशी में रह, बाबा के मददगार-सच्ची salvation आर्मी बन सबको शान्ति का रास्ता-salvation देते रहे

चिन्तन

जबकि आत्मा में ही सम्पूर्ण-देवताई संस्कार समाए हुए है, तो सेल्फ realization करने… बार-बार एकान्त में जाकर अपने से बातें कर (वा बाबा से कनेक्शन जोड़), अपनी आन्तरिक दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद का अनुभव कर, श्रेष्ठ दिव्यगुण-सम्पन्न स्थिति-चेहरे-चलन द्वारा सबका भी कल्याण करते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Realizing the self! | Sakar Murli Churnings 20-02-2020’

Our wonderful remembrance! | Sakar Murli Churnings 19-02-2020

Our wonderful remembrance! | Sakar Murli Churnings 19-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि स्वयं डोक्टर ओफ spiritual knowledge बाबा हमें नई-सतयुगी-दुनिया के वर्से के 21 जन्म अधिकारी बनने की सर्वश्रेष्ठ युक्ति बताते, कि… सिर्फ अपने को अविनाशी-रूहानी आत्मा समझ बिन्दी-स्टार ज्ञान-सुख-शान्ति सागर almighty पतित-पावन बाबा को चलते-फिरते कार्य-व्यवहार करते आशिक-माशुक समान याद करते पावन बन जाए (नेष्ठा-साक्षातकार की आवश्यकता नहीं)… अच्छे से पढ़ते, सबकी सेवा करते, कर्मातीत-पास विद् आनर बनने की ओर आगे बढ़ते रहे

चिन्तन

जबकि हमारी याद इतनी सहज है (लेकिन खिसक भी जाती)… तो बाबा की इस याद की श्रीमत को पूरा regard देने, अपनी दिनचर्या को ही श्रीमत-अनुसार सेट कर, बार-बार बीच-बीच में अपने में ज्ञान-योग का घृत डालते, सहज शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Our wonderful remembrance! | Sakar Murli Churnings 19-02-2020’

Being a fragrant flower! | Sakar Murli Churnings 18-02-2020

Being a fragrant flower! | Sakar Murli Churnings 18-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि अमरनाथ-बागवान-बाबा आए है ब्रह्मा-तन में, हमारी तकदीर जगाकर खुशबूदार फूल-देवता-राजा बनाने… तो सदा पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे (कोई बहाना नहीं) पारस-बुद्धि बन, आत्मा समझ बाबा की याद द्वारा दिव्यगुण-सम्पन्न बन, सबको कांटों से फूल बनाने वाले माली अवश्य बनें… शरीर छूटने से पहले अपने दिव्य संस्कार-भाग्य जरूर बनाना है

चिन्तन

जबकि दिव्यगुणों की धारणा = ज्ञान + योग… तो दिव्यगुण-सम्पन्न बनने, अपने ज्ञान-योग की दिनचर्या को पक्का-श्रीमत अनुसार बनाते रहे… तो सदा हमारी श्रेष्ठ-खुश स्थिति रहेंगी, दिव्यगुणों की धारणा शक्तिशाली बनते… हम सबका कल्याण करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Being a fragrant flower! | Sakar Murli Churnings 18-02-2020’

Becoming angelic by remembering the beautiful traveller! (हसीन मुसाफिर) | Sakar Murli Churnings 17-02-2020

Becoming angelic by remembering the beautiful traveller! (हसीन मुसाफिर) | Sakar Murli Churnings 17-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि निराकार परमपिता-परमात्मा भगवान् हमें सतयुगी-राज्य में सम्पूर्ण धनवान-सुन्दर-पावन-देवता बनाने जगा रहे… तो सदा देही-अभिमानी अशरीरी-detach हो, आशिक-माशूक समान, हसीन पतित-पावन मुसाफिर बाबा को याद करते, दिव्यगुण-सम्पन्न बन, फरिश्ता सो देवता बन जाएं


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Becoming angelic by remembering the beautiful traveller! (हसीन मुसाफिर) | Sakar Murli Churnings 17-02-2020’

Being a victorious jewel of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयी रत्न | Avyakt Murli Churnings 16-02-2020

Being a victorious jewel of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयी रत्न | Avyakt Murli Churnings 16-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. हम निश्चयबुद्धि-विजयी रत्न है (तब ही ब्रह्माकुमार, एक बाप के बने हैं)… अब श्रेष्ठ-नंबर लेने लिए सदा हर परिस्थिति में स्व-स्थिति की शक्ति से विजय अनुभव करना (बाबा के गले का हार, माया से हार नहीं सकते)… भल नम्र-निर्माण-हाँ जी कारण बाहर से हार भी लगे, लेकिन है विजय, ऐसे स्वयं पर निश्चय रखने से और भी वाह-वाह के पुष्प चढ़ायेंगे… निश्चयबुद्धि-विजयी की निशानीयां:

  • कभी संकल्प-कर्म में दुविधा नहीं… संकल्प-शक्ति की स्वच्छता कारण सहज-सत्य-स्पष्ट निर्णय से सदा मौज में रहेंगे (मूँज नहीं)
  • अग्नि-परिक्षा में भी विजय की खुशी
  • कभी अकेला नहीं अनुभव करेंगा (चाहे अक्षोणी-सेना दूसरी ओर हो), बाबा-सहारा दाता सदा साथ है
  • सदा खुशी में नाचता (कभी उदासी, वा व्यक्ति-समस्या से किनारा नहीं), सदा बेहद का वैराग्य (हार में भी जीत)
  • उल्हान-वर्णन के बदले, औरों को भी हिम्मत-सहारा देते
  • संकल्प-बोल-कर्म व्यर्थ से सदा मुक्त

2. मधुबन-घर के बालक सो मालिक अपने घर में आए है (बाकी वह तो सेवा-स्थान है)… घर से कोई निकाल नहीं सकते, यहां मेरापन-आराम है… दाता का दर है (जहां भगवान् हम भाग्यवान-चैतन्य ठाकुरों की सेवा करते)

पार्टियों से

1. एक कि लगन में मगन श्रेष्ठ-आत्माओं के कर्म भी स्वतः श्रेष्ठ रहते (जन्म-जीवन नया तो नाम-रूप-देश-कर्म सब बदले, ऐसे सदा उमंग में रहने से राज्य भी सदा का मिलेंगा)… निमित्त बनने से जो प्रत्यक्षफल मिलता, उससे सदा शक्तिशाली रहते (ऐसी श्रेष्ठ स्मृतियों से समर्थ, व्यर्थ समाप्त)

2. हम रोज़ अमरकथा सुनने बाली, अमर-भव की वरदानी, अमर बाप की अमर बच्चें है (शरीर छूट जाए तो भी भाग्य से भरपुर होकर जाते, इसलिए सिर्फ चोला बदलना कहेंगे)… सदा खुशी में रहना, हम अनेक जन्मों के मालामाल बन गये

3. यह रूहानी याद की महान यात्रा सुखदाई है (सब यात्राएं इसमे समाई है)… यात्री समझने से सदा न्यारे-उपराम-निर्मोही रहेंगे

4. सहयोगी-बच्चों को बाबा दिल-तख्तनशीन समझते… निश्चयबुद्धि-विजयी है गले का हार

सार (चिन्तन)

सदा स्वयं को निश्चयबुद्धि-विजयी समझ, संकल्पों की स्वच्छता वा बाबा के साथ-याद द्वारा हर परिस्थिति में विजयी-खुशी-व्यर्थ मुक्त रह… औरों को भी हिम्मत सहारा देते, निमित्त बन अनेक जन्म शक्तिशाली मालामाल रहकरते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Avyakt Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Being a victorious jewel of conviction! | निश्चयबुद्धि विजयी रत्न | Avyakt Murli Churnings 16-02-2020’

The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020

The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि दुरदेश ब्रह्म-महतत्व घर से आकर, स्वयं ज्ञान-सागर बाबा ने हमें आत्मा-परमात्मा-समय का सत्य ज्ञान देकर ईश्वरीय-स्वच्छ बुद्धि बनाकर ज्योत जगाई है… तो सदा बिन्दी-आत्मा-बच्चे बन ऐसे निराकार-बिन्दी-परलौकिक रूहानी पतित-पावन परमात्मा-बाप की याद में रहना है (भल माया के तूफान आए, हमें पावन-कर्मेन्द्रियजीत बनना ही है, चार्ट रखकर अव्यभिचारी याद द्वारा देही-अभिमानी अशरीरी बन घर जाना)… scholarship ले माला में आकर लक्ष्मी-नारायण समान बनना (नई दुनिया-स्वर्ग-सचखण्ड में जीवनमुक्त)

चिन्तन

जबकि बाबा ने आत्मा-परमात्मा-समय की सत्य-यथार्थ समझ हमारी बुद्धि में बिठा दी है… तो अब सदा खुुश-श्रेष्ठ मन की स्थिति अनुभव करने लिए, सिर्फ इस ज्ञान का अभ्यास करना है… अर्थात्‌ समय निकाल बैठकर, श्रेष्ठ योग के संकल्प दोहराकर उसका स्वरूप बन, सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति के अनुभव द्वारा दिव्यगुण-सम्पन्न चलन बनाकर… आसपास सबको भी श्रेष्ठ-दिव्य जीवन बनानी के प्रेरणा देते दुआएं कमाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘The difference between Gyan & Yog! | Sakar Murli Churnings 15-02-2020’

Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020

Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सतयुगी अथाह सुखों का 21 जन्म वर्सा हमारे सामने खड़ा है… तो पहलेे-पहले आने अपनी श्रेष्ठ तकदीर बनाने लिए, सेवा के साथ देही-अभिमानी अशरीरी हो शान्त-स्वरूप बन निराकार-सत्य पतित-पावन जगती-ज्योत शिव-साजन की याद द्वारा पावन कर्मेन्द्रिय-जीत हीरे-समान खुश जरूर बनना… उमंग से बाबा के मददगार रहना (हम ही शिव की अहिंसक शक्ति-सेना है, जो निर्विकारी-देवता बन रहे)

चिन्तन

जबकि हम ही सतयुग में पहले आने वाली श्रेष्ठ आत्माएं है… तो पुरुषार्थ में भी नम्बर-वन बन, शिव-साजन की प्यार-भरी यादों द्वारा सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न रह… सदा अपनी फुल-चार्ज बैटरी द्वारा दिव्य-वाइब्रेशन हर्षित-चेहरे मधुर-बोल सुखदाई-व्यवहार से आत्माओं को सुख-शान्ति-प्रेम के शीतल छींटे देते… विश्व-कल्याणकारी बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘Coming first! | Sakar Murli Churnings 14-02-2020’