Remembering One! | Sakar Murli Churnings 25-01-2020

The Importance of One | एक का महत्व | 25-11-2018 Avyakt Murli Churnings image

Remembering One! | Sakar Murli Churnings 25-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि ऊँच-ते-ऊँच भगवान् आए है हम वर्थ-पाउन्ड ब्राह्मणों को पावन-पूज्य देवता बनाने (राम-राज्य सतयुग के)… तो सदा स्वयं को छोटी-बिन्दी आत्मा समझ पतित-पावन बिन्दी-परमात्मा को महीन-प्रीतबुद्धि बन आशिक-माशुक समान कर्मयोगी बन याद करना है (औरों से दिल लगाकर सजा के भागी नहीं बनना)

2. साथ में सबको त्रिमूर्ति-शिव का परिचय देते रहना (त्रिमूर्ति गोले-झाड़ के चित्र-झण्डे द्वारा)… शिव-जयन्ती पर बहुत अच्छे से सेवा करनी है (भल अखबारों में डालने का खर्चा हो)

चिन्तन

जबकि हम एक-बाबा के सच्चे-सच्चे पिताव्रता-आशिक है… तो सदा एक बाबा दूसरा ना कोई के स्मृति-स्वरूप बन, उनकी प्यार-भरी दिव्य यादों में खोए रह… सदा दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद से सम्पन्न बन, अपने दिव्यगुण-सम्पन्न उज्ज्वल चेहरे-चलन द्वारा सबका बाबा से कनेक्शन जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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The True Meaning of ‘मरना तेरी गली में’ Song | Sakar Murli Churnings 24-01-2020

The True Meaning of ‘मरना तेरी गली में’ Song | Sakar Murli Churnings 24-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

अपने को अशरीरी-आत्मा समझ यथार्थ रीति-प्रीत बुद्धि बन निराकार पतित-पावन मोस्ट-बिलवेड बाबा को याद करने से देह-दुनिया भुले रहते (यही गीत का आध्यात्मिक-अर्थ है)… यह राजयोग स्वयं ऊँच-ते-ऊँच परमात्मा-भगवान ने हम मीठे ब्राह्मण बच्चे-स्टूडेंट को सिखाया है… जिससे ही मायाजीत-सदा खुश-अतीन्द्रिय सुख से भरपूर बन, नई पवित्रता-सुख-शान्ति-सम्पत्ति सम्पन्न सतयुगी-दुनिया का मालिक बनते… हमारे पास सम्पूर्ण-ज्ञान है, अब बाकी थोड़ा समय है

चिन्तन

जबकि बाबा ने हमें सभी शास्त्र-गीतों का सार तो क्या, सम्पूर्ण-विश्व का सत्य-ज्ञान दे दिया है… तो सदा ज्ञान-स्वरूप हो, अपने सत्य-स्वरूप में टिक, बाबा को यथार्थ-रीति याद कर… सदा जीवन में नेचरल शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न स्थिति का अनुभव करते, श्रीमत पर सबको खुशियां बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति! 


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Our wonderful medal! | Sakar Murli Churnings 23-01-2020

Our wonderful medal! | Sakar Murli Churnings 23-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि संगम पर स्वयं निराकार-शिव-भगवान् हमे ऊँच-निराकारी मत-ज्ञान पढा़ते (जिससे ही नई दुनिया-स्वर्ग-बहिश्त का वर्सा मिलता, हम देवता-प्रिंस बनते, सम्पूर्ण-सुखी)… तो बहुत खुशी से धारणा कर, प्रदर्शनी-चित्र-बैज द्वारा (मन्दिर-आश्रम में भी) सबका कल्याण करने का शौक हो (बुजुर्ग-कुमार-माता, सब कर सकते)

2. इस योग-सेवा में सफलता लिए मुख्य है देही-अभिमानी बनना… बाबा को बहुत प्रित से याद-योग द्वारा, विकर्म-विनाश कर खुशी से भरपूर बनना

चिन्तन

जबकि बाबा ने हमें सर्वश्रेष्ठ-मेड़ल (बैज) दिया है… तो हम भी ज्ञान-योग द्वारा सदा श्रेष्ठ-स्थिति रूपी मेड़ल को धारण कर… सबको अपने दिव्य-वाइब्रशन मधुर-बोल शीतल-नैन प्योरिटी-पर्सनैलिटी द्वारा बाबा से जुड़ाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Celebrating Shiv Jayanti inside! | Sakar Murli Churnings 22-01-2020

Celebrating Shiv Jayanti inside! | Sakar Murli Churnings 22-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. स्वयं नॉलेजफुल-लिबरेटर-गाइड शिवबाबा एक्यूरेट समय पर आकर … हम मीठे-ब्राह्मण बच्चों को… याद-मन्मनाभव-राजयोग सिखाते (अपने को आत्मा-दीप समझ पतित-पावन शिवबाबा को याद करना)

2. जो सच्चाई से करने से विकर्म-विनाश पावन-खुश बनते (जिससे गोल्डन ऐज-गार्डन ऑफ फ्लावर्स-सतयुग-वर्से-सद्गति में ऊँच पद पाते, सम्पूर्ण सतोप्रधान-पावन-दिव्य रूप में)… शिव-जयन्ती पर खूब अच्छी सजावट-लाइट्स द्वारा योगयुक्त ज्ञान-गंगा बन सेवा करनी है

चिन्तन

जबकि शिव-जयन्ती नजदीक आ रही, जिसमें हमें बहुत योगयुक्त हो सेवा करनी है… तो अभी से अपने सलोने-शिव-साजन से combined शिव-मई शिव-शक्ति बन… सदा मायाजीत शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन… सबके लिए भी विघ्न-विनाशक बन जियदान देते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Being a spiritual cloud! | Sakar Murli Churnings 21-01-2020

Being a spiritual cloud! | Sakar Murli Churnings 21-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. संगम पर हम मीठे-मीठे बच्चे… (ज्ञान-सुख-शान्ति) सागर के बच्चें रूहानी-बादल है (जो सागर से मीठा पानी खिंचते, अर्थात् धारणा करते), और फिर खूब बरसते (सबको धारणा कराते), जिससे महिमा होती (राजा बनते)… मुख्य ज्ञान है आत्मा का (अविनाशी-आत्मा में 84 जन्म-ड्रामा का पार्ट नुन्धा है), और ऊँच-ते-ऊँच परमात्मा-भगवान् शिवबाबा-टीचर-सर्जन का ज्ञान

2. सबकुछ भूल, देही-अभिमानी बन बिन्दु बाप-हसीन मुसाफिर-सलोने शिव-साजन की याद में कुर्बान जाना है… जिससे सतोप्रधान-स्वच्छ-सर्वगुण सम्पन्न बनते (स्वर्ग-वन्दर ऑफ वर्ल्ड-सतयुग में)… हम सारे चक्र को जानते, जिसका सिमरण कर हर्षित रहना है (माया से परे), अपना तन-मन-धन सफल करना

चिन्तन

जबकि हम सर्व गुण-शक्तियों के सागर के बच्चें रूहानी-बादल है… तो सदा शिव-सागर से मीठा ज्ञान-पानी खिंचते, सर्व गुण-शक्तियों के सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न धारणा-मूर्त बन… सबको भी अपने दिव्य-वाइब्रेशन मीठे-बोल रॉयल-सुखदाई व्यवहार-चलन द्वारा रिफ्रेश करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Checking ourself! | Sakar Murli Churnings 20-01-2020

Checking ourself! | Sakar Murli Churnings 20-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. जबकि 100% पवित्रता-सुख-शान्ति सम्पन्न दैवी-सतयुगी स्वराज्य हमारे सामने है… और स्वयं righteous-नीराकार रत्नागर ज्ञान-सागर पतित-पावन शिवबाबा हमें प्यार से अपना बनाकर ज्ञान-रत्नों से भरपूर करते

2. तो हम ब्राह्मण-बच्चों को भी अपनी जाँच करनी है (कितने पाप-पुण्य है, आज दुःख-कुदृष्टि तो नहीं गई), बाबा को चार्ट भेजने से खबरदार-उन्नति होती रहेंगी… प्यार से याद-योग में रह विकर्म-विनाश कर कमल-फूल समान पवित्र रहना है… सेवा के शौक द्वारा ज्ञान-दान, कल्याण, राह दिखाते रहना (प्रदर्शनी-बैज-पर्चेे-धन द्वारा)

चिन्तन

जबकी हम सब दुःख की अनुभूति से परे रहना चाहते (और कर्मों के ज्ञाता भी है), तो सदा अपने कर्मों पर पूरा अटेन्शन रहे… सदा श्रीमत पर ज्ञान-चिन्तन वा योग-अभ्यास द्वारा ऊँची शान्ति-प्रेम आनंद से सम्पन्न निर्विकारी-पावन स्थिति का अनुभव करते-कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming an embodiment of solutions through powerful pledge! | दृढ़ प्रतिज्ञा द्वारा निवारण-स्वरूप | Baba Milan Murli Churnings 18-01-2020

Becoming an embodiment of solutions through powerful pledge! | दृढ़ प्रतिज्ञा द्वारा निवारण-स्वरूप | Baba Milan Murli Churnings 18-01-2020

1. आज स्मृति-समर्थी दिवस की बढ़ाई देते… स्नेह-सागर बाबा हम स्नेही-लवली-लवलीन बच्चों को मेरे-लाडले-सिरताज बच्चे कहते (हम भी मेरा-मीठा बाबा कहते, स्नेह-विमान वा फरिश्ता-रूप में पहुँच गए)… हमारी स्नेह-मोती-माला बाबा के गले में, उनकी स्नेह-भुजाएं-माला हमारे गले मेंं, हम उनके स्नेह में समा गये… एक-एक स्मृति सेकण्ड में समर्थी-नशा चढ़ाती:

  • पहली स्मृति, हम कल्प-पहले वाली भाग्यवान-आत्माएं है (जिससे परमात्म-बाप का नशा चढ़ता)…
  • दिल से निकला मेरा बाबा (जिससे सभी प्राप्ति-खज़ाना-पालना अपनी हो गई)…
  • जिस मेरेपन से सहजयोगी समर्थ-आत्मा मायाजीत बन गए

2. यह वर्ष न्यारा-प्यारा मेहनत-समस्या मुक्त बनने का है (तब ही स्वयं-औरों को मुक्ति दिला सकेंगे)… इसलिए ऐसे-वैसे वा करना-पड़ता के बहाने (पुरानी भाषा-चलन-अलबेलेपन) से परे रहना, इसका निवारण-समाधान है दृढ़-प्रतिज्ञा (भल झुकना-सुनना-सहना-बदलना पड़े)… तब ही पर्दे खुल-प्रत्यक्षता होंगी (सब अच्छे बनेंगे… अब सब बहुत दुःखी हैं), मन्सा-वाचा के साथ स्नेह-सहयोग-चेहरे-चलन के कर्म द्वारा (हमारी अवस्था देख सब ठीक हो जायेंगे)… जबकि बाबा के साथ चलना-राज्य करना है, तो सेवा में भी साथ रहना (सहयोगी-समान बनना, हाथों में हाथ)

पार्टियों से

  • (गुजरात)… सेवाधारी-सेवा बहुत है (वाचा-सेवा में पास है)… अब पावरफुल-मन्सा द्वारा मन्सा-सेवा सकाश देना (वे माइक बनेंगे)
  • (फूलों के श्रृंगार वालें)… स्नेह के कारण श्रृंगार-सुगन्ध और अच्छी हो गई, बाबा भी पदमगुणा-स्नेह देते
  • (डबल-विदेशी)… हम मधुबन के श्रृंगार, सबको प्यारे है (कोटों में कोई)… अब चैतन्य-म्युजियम बनना है (मस्तक-नैन-मुस्कान से सेवा).. सूक्ष्म रियलाइजेशन द्वारा विन कर नम्बर-वन बनना
  • (मधुबन) दूर बैठे भी सब पास है, फिर भी सम्मुख-मधुबन में गोल्डन-चांस है… मुरली से प्यार अर्थात् मुरलीधर से प्यार निभाने वाले
  • (याद-प्यार) हम श्रीमत-बाप के कदम पर चलने वाले सहजयोगी-नॉलेजफुल-पावरफुल स्वमान-सम्मानधारी है… इन्तजार समाप्त कर, इन्तजाम करने वाले

सार (चिन्तन)

जबकि स्नेह-सागर बाबा हम पर इतना स्नेह लुटाते… तो हम भी मुरली से प्यार वा मेरे-मीठे बाबा की स्मृति द्वारा समर्थ-सहजयोगी बन, दृढ़-प्रतिज्ञा द्वारा निवारण-स्वरूप हो… बाप-समान चैतन्य-म्युजियम बन, चेहरे-चलन-पावरफुल मन्सा द्वारा सबकी सर्वश्रेष्ठ-सेवा करते, नम्बर-वन बनते-बनाते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Being royal! | Sakar & Avyakt Murli Churnings 18-01-2020

Being royal! | Sakar & Avyakt Murli Churnings 18-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

साकार मुरली चिन्तन

1. जबकि स्वर्णिम नई दुनिया-राज्य हमारे सामने है (बापदादा भी हमें रूहानी-लव से ज्ञान-श्रीमत पढ़ाते)… तो सदा अन्तर्मुखी ज्ञान-सिमरण करते, बाबा को प्रीत-बुद्धि बन याद करे…

2. जिससे श्रेष्ठ-पावन-हीरा बनते, सदा खुश-नशे-उल्लास से सम्पन्न, देवताई-रॉयल मीठी-चलन वाले (जैसे कर्म हम करेंगे, हमें देख सब करेंगे… कभी तंग नहीं होना)… सबकी अलौकिक-सेवा करते रहना

अव्यक्त मुरली चिन्तन

1. प्योरिटी (संकल्प-स्वभाव-संस्कार में… ईर्षा-घृणा से परे) ही आधार है… यूनिटी का (स्वभाव-संस्कार मिलना, न मिले तो भी मिलाना, जैसे रास) … जबकि हम महारथी की लिस्ट में गिने जाते

2. ऐसा महाकाली-स्वरूप धारण करना है, कि कमज़ोर-वातावरण को भी परिवर्तन कर सके… फिर हम औरों को भी बिल्कुल स्पष्ट परखने वाले नॉलेजफुल बन जाएंगे

सार (चिन्तन)

तो इस 18 जनवरी को… सदा अपने परम-पवित्र मास्टर-सर्वशक्तिमान विश्व-महाराजन् स्वरूप को emerge कर… बाबा की मीठी-शिक्षाओं को अन्तरमुखी बन चिन्तन द्वारा स्वयं में समाते, उसकी प्रीत-भरी याद में डूबे, पावन-मीठे-हीरा बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Giving our heart to One! | Sakar Murli Churnings 17-01-2020

Giving our heart to One! | Sakar Murli Churnings 17-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम-स्कूल-ब्रह्मा द्वारा… निराकार-शिवबाबा-राम, पतित-पावन सद्गति-दाता कालों का काल ज्ञान-सागर नॉलेजफुल… हम रूहानी-ब्राह्मण-बच्चे निराकार-सालिग्राम-आत्मा को… ज्ञान-पढ़ाई सुनाते-समझाते

2. हम अन्तर्मुखी-शान्त हो कार्य करते भी, पिताव्रता-बलिहार हो, याद-योग में रहते… माया-वश औरों से दिल लगाकर सजा के पात्र नहीं बनना, भूलों को दोहराना नहीं… तो विकर्म-विनाश देहभान गलता, सतोप्रधान-खुशी से भरपूर होते… औरों से सेवा नहीं लेनी, हमें तो शौक होना चाहिए अंधों की लाठी बन आप-समान कल्याण करने की सेवा करने में (चित्र-प्रदर्शनी-मेले-सेन्टर-हॉल द्वारा)

3. जबकि विनाश सामने खड़ा है, तो scholarship ले माला में आने का लक्ष्य जरूर रखना है… सुख-शान्ति-सतोप्रधान दुनिया सतयुग-स्वर्ग के मालिक बनने

चिन्तन

जबकि बाबा को दिल देने में ही सर्व-प्राप्तियां है (वा औरों को दिल देने में सब नुकसान है)… तो आज सच्चे-दिल से स्वयं को शिव-साजन पर समर्पित-बलिहार कर, सारा दिन के अपने योग के चार्ट को दिन-प्रतिदिन बढ़ाते… सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर दिव्यगुण-सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Remaining protected from Maya’s April Fool! | Sakar Murli Churnings 16-01-2020

Remaining protected from Maya’s April Fool! | Sakar Murli Churnings 16-01-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम-पाठशाला-प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा… ऊँच परमात्मा-ईश्वर-भगवान् निराकार-शिवबाबा ज्ञान सूर्य-नॉलेजफुल पवित्रता-सुख-शान्ति-प्रेम सागर… हम आत्मा-बिन्दी हीरो-हीरोइन पार्टधारी को… ज्ञान पढ़ाते-सिखाते

2. हम याद-योग करते (बाबा-बाबा करते, ओहो-प्रेम से बाते करते)… विकर्म-विनाश पावन-सतोप्रधान खुशी-नशे-गदगद हो… मास्टर-प्रेम-सागर की चलन द्वारा, रूहानी-पण्डा बन सबको मुक्ति-शान्तिधाम-घर का रास्ता दिखाने की सेवा करते… नई-पावन-सतोप्रधान दुनिया सतयुग-शिवालय-क्षीरसागर-राम राज्य के मालिक, पावन-दिव्यगुण सम्पन्न देवता (प्योरिटी-पीस-प्रासपर्टी-हेल्थ-वेल्थ सम्पन्न) बनते

चिन्तन

जबकि माया सदा हमें अप्रेल-फूल बनाना चाहती… तो सदा सुबह-अमृतवेला उठते ही बाबा की शक्तियों से ऐसा सम्पन्न बन, ऊँच frequency पर आ जाए, कि… माया कभी हमपे वार न कर सके, हम सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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