स्नेह के सागर में समाया हुआ फरिश्ता बन, सर्व ख़ज़ानो से भरपूर हो अपने चेहरे-चलन से विश्व परिवर्तक बनो | Baba Milan Murli Churnings 13-02-2021

1. आज चारों ओर के सर्व खज़ाने जमा करने वाले सम्पन्न बच्चों को देख रहे। खज़ाने तो बापदादा द्वारा बहुत अविनाशी प्राप्त हुए हैं:

  • सबसे पहले बड़े ते बड़ा खज़ाना है ज्ञान धन, जिससे पुरानी देह-दुनिया से मुक्त-जीवनमुक्त स्थिति और मुक्तिधाम में जाने की प्राप्त है।
  • साथ में योग का खज़ाना है जिससे सर्व शक्तियों की प्राप्ति होती।
  • साथ-साथ धारणा करने का खज़ाना जिससे सर्व गुणों की प्राप्ति होती।
  • साथ साथ सेवा का खज़ाना जिससे दुआओं-खुशी का खज़ाना प्राप्त होता।

साथ-साथ सबसे बड़े ते बड़ा अमूल्य खज़ाना वर्तमान संगमयुग के समय का है। इसका एक-एक संकल्प वा एक-एक घड़ी बहुत अमूल्य है, क्योंकि संगम समय पर बापदादा द्वारा सर्व खज़ाने प्राप्त होते। खज़ाना जमा होने का समय संगमयुग ही है, जितना जमा करने चाहो उतना अनेक जन्मों लिए कर सकते।

2. बाप देने वाला भी एक, एक जैसा सबको देता, एक ही समय पर देता लेकिन धारण करने में हर एक का अपना अपना पुरूषार्थ रहता। खज़ाने को धारण करने लिए:

  • एक तो अपने पुरूषार्थ से प्रालब्ध बना सकते।
  • दूसरा सदा स्वयं सन्तुष्ट रहना और सर्व को सन्तुष्ट करना
  • तीसरा सेवा से क्योंकि सेवा से सर्व आत्माओं को खुशी की प्राप्ति होती।
  • और सम्बन्ध-सम्पर्क में निमित्त-निर्माण-नि:स्वार्थ भाव, हर आत्मा प्रति शुभ भावना शुभ कामना रखने की आवश्यकता है।

खज़ाने बढ़ाने का साधन है, जो खज़ाने मिले वह समय पर परिस्थिति अनुसार कार्य में लगाना। जो कार्य में लगाते, स्थिति द्वारा परिस्थिति को बदल सकते, उसका जमा होता, अनुभव की अथॉरिटी एड होती जाती। समाया हुआ फुल होगा, जितना खज़ाना भरपूर होगा उतना ही अचल अडोल होंगे, उसकी चलन-चेहरा ऐसे लगेगा जैसे खिला हुआ गुलाब का पुष्प, हर्षित खुशमिजाज़! नयनों से रूहानियत, चेहरे से मुस्कराहट और कर्म से हर एक गुण सभी को अनुभव होता है।

3. बापदादा की यही शुभ भावना है हर एक बच्चा अनेक आत्माओं को खज़ानों से सम्पन्न बनावे। आज विश्व को खुशी, आध्यात्मिक शक्ति, आत्मिक स्नेह की आवश्यकता है। आपके शक्ति द्वारा थोड़ा सा दिल का आनंद सुख की प्राप्ति हो, आप विश्व लिए आशाओं के सितारे हो। तो मन्सा से शक्तियां दो, वाचा से ज्ञान, कर्मणा से गुणदान। मन्सा द्वारा निराकारी, वाचा द्वारा निरहंकारी, कर्मणा द्वारा निर्विकारी। आप सबका वायदा है हम विश्व परिवर्तक बन विश्व का परिवर्तन करेंगे, तो चलते-फिरते भी सेवाधारी सेवा में तत्पर रहते।

4. होलीएस्ट हाइएस्ट और रिचेस्ट आप आत्मायें ही हैं:

  • होलीएस्ट भी सब आत्माओं से ज्यादा आप हो।
  • (हाइएस्ट) आप आत्माओं की पूजा जैसे विधिपूर्वक होती है वैसे और किसकी भी नहीं होती।
  • और आप जैसा खज़ाना रिचेस्ट इन दी वर्ल्ड, आप ब्राह्मण आत्माओं का एक जन्म का खज़ाना गैरन्टी 21 जन्म चलना ही है, क्योंकि अविनाशीी बाप द्वारा अविनाशी खज़ाने का वर्सा मिला है।

5. स्नेह में मेहनत भी मुहब्बत के रूप में बदल जाती, तो बाप के सदा स्नेही बनना अर्थात् सहज पुरूषार्थ करना, जो अपने को सदा स्नेह के सागर में समाये हुए समझते। बापदादा का बच्चो से अति स्नेह है क्योंकि जानते कि यह एक-एक आत्मा अनेक बार स्नेही बनी है, अभी भी बनी है, हर कल्प यही आत्मायें स्नेही बनेंगी। नशा है खुशी है? बापदादा ऐसे अधिकारी आत्माओं को देख दिल की दुआयें दे रहे हैं। सदा अथक बन उड़ते चलो। स्व-स्थिति के आगे परिस्थिति कुछ नहीं कर सकती। स्नेही स्नेही को कभी भूल नहीं सकता।

6. फरिश्ता रूप अपना इमर्ज करो, चलते फिरते फरिश्ता डे्रस वाले अनुभव कराओ। (ड्रिल) जैसे शरीर की डे्रस बदली करते ऐसे ही आत्मा का स्वरूप फरिश्ता बार-बार अनुभव करो। जैसे ब्रह्मा बाप अव्यक्त फरिश्ता रूप में वतन में बैठे हैं, क्योंकि फरिश्ता रूप होगा तभी देवता बनेंगे। अपने भी तीन रूप याद करो – ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता। कभी ब्राह्मण की डे्रस पहनो, कभी फरिश्ते की, कभी देवता। इस तीनों रूप में स्वत: ही त्रिकालदर्शा के सीट में बैठ साक्षी होके हर कार्य करते रहेंगे। तो सभी से बापदादा यही चाहते सदा बाप के साथ रहो, अकेले नहीं। साथ रहेंगे तब साथ चलेंगे।

योग कमेंटरी | माननीय पारसबुद्धि सुखदेव | Sakar Murli Churnings 13-02-2021

मैं स्वमान में स्थित निर्मान रह… सबको मान-सम्मान देने वाली माननीय-पूजनीय आत्मा हूँ… सबको अनुभूतियों का प्रसाद बांटती

स्वयं बुद्धिवानो की बुद्धि पारसनाथ बाबा… मुझे आप-समान पारस-बुद्धि बनाते… सर्वगुण सम्पन्न, पावन सतोप्रधान दिव्य

सत्-चित्-आनंद सागर बाबा… मुझ आत्मा का बाप है… मैं उनकी छत्रछाया में हूँ

मैं सबको सुख देने वाला… सुख-देव हूँ… रोना-प्रूफ


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योग कमेंटरी | स्वमान-धारी सूर्यवंशी हीरा | Sakar Murli Churnings 12-02-2021

मैं स्वयं के परिवर्तन से… सबको परिवर्तन का सहयोग दे… जियदान देती

सदा स्वमान में रह… सदा बाबा और उनके फरमान पर कुर्बान हो… मायाजीत हूँ

मैं आत्मा-बिन्दु, सूक्ष्म सितारा हूँ… शिव-बिन्दु को याद कर… उनसे पावन शान्ति का वर्सा ले रहा

मैं सूर्यवंशी देवी-देवता… स्कॉलरशिप पद प्राप्त करने वाला… माला का मणका हूँ

मैं अच्छे से पढ़कर… श्रेष्ठ ज्ञान-योग-धारणा-सेवा की कमाई जमा कर… हीरे जैसा जीवन बनाती


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योग कमेंटरी | मैं कमल-आसनधारी पारसबुद्धि मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ | Sakar Murli Churnings 11-02-2021

मैं कमल आसनधारी आत्मा… माया के आकर्षण से न्यारा, बाबा के स्नेह में प्यारा… कर्मयोगी हूँ

सदा वाह-वाह के सूक्ष्म आवाज में खुश… मैं मास्टर सर्वशक्तिमान, मास्टर रचयिता हूँ… उलझनों से मुक्त रह, सबको मुक्त रहता

मैं पारस-बुद्धि पारसनाथ… स्वराज्य अधिकारी… सो स्वर्ग के स्वर्ण महलों का अधिकारी हूँ

मैं सच्ची सीता… सच्ची पार्वती… अमर बाबा से अमरकथा सुन अमरलोक जा रही

मैं आत्म-अभिमानी स्थिति में स्थित… सदा बाबा की याद में बुद्धियोग उपर रहता… निर्वाणधाम-घर में


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योग कमेंटरी | तकदीरवान परवाना | Sakar Murli Churnings 10-02-2021

मैं स्व-स्थिति में स्थित… सफलता का सितारा हूँ… परिस्थिति पर सदा विजयी

दिव्यगुणों की सम्पत्ति, ईश्वरीय सुख-शक्ति मेरा बर्थ राइट है… इसी नशे से मेरे लक्ष्य-लक्षण समान हो गये हैं… मैं श्रेष्ठ बाप की श्रेष्ठ तकदीर-वन आत्मा हूँ

मैं सदा खुशी-नशे में हर्षित… नेचुरल ब्युटी सम्पन्न सतोप्रधान… लक्ष्मी-नारायण देवता बन रहा

मैं आत्मा-परवाना… शिव-शमा पर फिदा हूँ… मैं गॉडली स्टूडेंट, मुरली की मस्तानी हूँ


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योग कमेंटरी | सर्वगुणों के सागर का सच्चा सेवाधारी | Sakar Murli Churnings 09-02-2021

तपसया के बल से… सारे विश्व में शान्ति फैलाती… मैं विश्व सेवाधारी हूँ

मैं सच्ची सेवाधारी… ज्ञान स्वरूप, मन्सा से भी बुराईयों का त्याग कर… शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद के सागर में लवलीन-समाई रहती

मैं अमरलोक का सम्पूर्ण देवता… शुद्घ भोजन-धारी वैष्णव… बाबा को अति-प्रिय हूँ

मेरे सुप्रीम बाप-टीचर-सतगुरू, पतित-पावन… शिवबाबा का सालिग्राम… मैं अविनाशी पवित्र आत्मा हूँ


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योग कमेंटरी | उड़ता पंछी, खुशबूदार फूल, विरला व्यापारी | Sakar Murli Churnings 08-02-2021

मैं उड़ता पंछी… परिस्थितियों की दीवार-पहाड़ से परे… अपनी मंजिल पर पहुंचने वाली, बाप समान आत्मा हूँ

मैं महावीर, अनुभवी आत्मा… श्रेष्ठ स्थिति के मेडल से सुशोभित… साक्षी, सेकण्ड में फुलस्टॉप लगाती हूँ

एवर-हसीन बाबा… मुझ अपनी सजनी को हसीन बना रहे… मोस्ट ब्यूटीफुल फ़ूलों के बगीचे, स्वर्ग ले जा रहे

मोस्ट बिलवेड बाबा मुझे पढ़ाते… इसी नशे से… मैं कांटे से फूल बन रहा, खुशबूदार

मैं रत्नागर बाबा से अविनाशी-सच्चा व्यापार कर… बेहद कमाई जमा करने वाला… विरला व्यापारी हूँ


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योग कमेंटरी | मैं ज्ञान-स्वरूप मास्टर-सर्वशक्तिमान सन्तुष्टमणि सेवाधारी हूँ | Avyakt Murli Churnings 07-02-2021

स्वयं सर्वशक्तिमान बाप ने मुझे सर्वशक्तियों का वर्सा-वरदान दिया है… मैं अधिकारी आत्मा, मालिक हूँ… राजयोगी राजा, सदा सन्तुष्ट हूँ

मैं मास्टर सर्वशक्तिमान के नशे-खुशी में स्थित हूँ… सब कार्य सहज सफल हो रहे… तन स्वस्थ, मन एकाग्र, धन सहज, सम्बन्ध सहयोगी है

शुभ-भावना सम्पन्न… मैं इष्ट देव आत्मा, सिद्धि स्वरुप हूँ… सिर्फ एक दृष्टि-direction से सबके कष्ट हल होते

मैं सच्ची सेवाधारी हूँ… मुझसे सबको शीतलता-शान्ति के झरनों का अनुभव होता… कामधेनु बन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हूँ

मैं ज्ञान-स्वरूप आत्मा… पढ़ाई पर पूरा अटेन्शन देती… बाबा और मुरली से समान प्यार है


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योग कमेंटरी | मैं पावन महावीर विश्व-परिवर्तक आत्मा हूँ | Sakar Murli Churnings 06-02-2021

मैं परोपकारी आत्मा… अपना समय बेहद सेवा में सफल करती… मान-शान से परे

मैं विश्व-परिवर्तक आत्मा… अपनी रहम-कल्याण की दृष्टि-संकल्प-चलन से… सारे विश्व को ईश्वरीय सुख-शान्ति-शक्ति से सम्पन्न करती

मैं बाबा पर सम्पूर्ण निश्चय-बुद्धि… हिम्मतवान, बहादुर, निर्भय, महावीर हूँ… पवित्रता के आधार पर अतीन्द्रिय सुख-नशे से भरपूर हूँ

मेरा रहमदिल, सत्य, पतित-पावन बाबा… मुझे पावन देवता बन रहा… सारे विश्व का मालिक, सबके दिलों पर राजा


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योग कमेंटरी | शक्तिशाली अतीन्द्रिय सुख का नशा | Sakar Murli Churnings 06-02-2021

मैं कर्मयोगी आत्मा… अपनी पावरफुल मन्सा से… शक्तिशाली वायुमण्डल बनाती

मैं अतीन्द्रिय सुख की अधिकारी… त्रिकालदर्शी, मायाजीत हूँ… तुच्छ आकर्षणों से परे

मैं श्रीमत पर पढ़ाई-योग द्वारा… राजतिलक की अधिकारी… पूज्य-पावन दैवी आत्मा हूँ

बेहद बाबा द्वारा अटल-अखण्ड-अडोल-अद्वैत राज्य का वर्सा प्राप्त कर रहा… एक धर्म-राज्य-मत की दुनिया… इसके ही गुप्त नशे में रहता


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