1. आज सर्वशक्तिमान बाप अपने मास्टर सर्वशक्तिमान बच्चों को सर्व-शक्तियों का ख़ज़ाना देने आये हैं:
- यह ख़ज़ाने सहज मिले (सेकण्ड में पहचाना मेरा बाबा, बाबा के कहा मेरे बच्चे, तो मालिक बन गये!)
- सदा और सर्व ख़ज़ाने साथ हो (मालिक बन ऑर्डर प्रमाण अनुभव में आए, नशा हो बाबा के ख़ज़ाने वह मेरे!)
2. सेवा का उमंग देख बाबा “वाह बच्चे वाह” गाते, अब “परिवर्तन हुआ की हुआ” इस चैलेंज को पूर्ण करने धारणाओं से सम्पन्न सफलता का स्वरूप बनना है, क्योंकि हम ही निमित्त-आधार है सुखमय संसार लाने के… तो चेक करना:
- हम सम्पन्न-सम्पूर्ण कहा तक बने हैं (तब ही और बनेंगे)
- सुनने वाले समीप सम्बन्ध में कितने आये हैं (सेवाओं से खुश तो सभी है, लेकिन वर्से के अधिकारी बाप द्वारा ही बनेंगे, जब बाप-समय-अपने स्वमान को पहचाने… सभी गाये “हमारा बाबा आ गया”, एसी रिजल्ट बाबा चाहते)
अब निर्विघ्न-एवररेडी बनना है (सारी राजधानी तैयार, भल ड्रामा-बाबा बटन दबाए!)… बाप-समान बन सदा बाबा के साथ जीवन अनुभव करना, साथी भी सम्पन्न
3. सेकण्ड में फुल स्टॉप लगा सके (व्यर्थ का नाम-निशान नहीं), तब ही सब परिवर्तन के उमंग में आयेंगे… सेवा को तीनों रूप (नॉलेजफुल-लवफुल-पावरफुल), तीनों रीति (मन्सा-वाचा-कर्मणा) से करना, वाणी के साथ मन्सा पावरफुल, सब परिवर्तन हो साथी बन जाये (परिवार की फिलिंग से), नॉलेज भी स्पष्ट… 108 सम्पन्न-सम्पूर्ण आत्माओं की माला अब तैयार हो!
4. इसके लिए तीव्र पुरुषार्थ-स्व परिवर्तन द्वारा बाप-समान बनना ही है (भल अचानक परिवर्तन हो)… दृढ़ता को साथी बनाकर (बहानेबाज़ी से मुक्त!), ब्रह्मा बाबा को सदा नैनों में समाकर फॉलो करना है (मन्सा-वाचा-कर्मणा-सम्बन्ध-सम्पर्क में, सब कहे “वाह परिवर्तन वाह!”, बात के बदले बाप दिखे)… सब निर्विघ्न नम्बरवन हो (भल माया आये, हमे विजय पानी है)
5.
- (गुजरात) जैसे स्थान समीप, ऐसे पुरूषार्थ कर राज्य-अधिकार के समीप आना… जैसे बुलावे पर आ जाते, ऐसे फोलो फादर में भी समीप
- (डबल-विदेशी) एक-एक सेंटर से पूछ मधुबन से रिफ्रेशमेंट कायम रहे (पेपर में भी)
- (यादप्यार) जैसे बाबा को लास्ट बच्चे से भी प्यार-रहम, हमे भी सबको सहयोग-सदभावना-शुभ भावना देना है (जैसे बाप हमारा है, परिवार भी)… बाबा सबको दृष्टि-मुबारक दे रहे