Becoming ever-beautiful! | Sakar Murli Churnings 04-06-2019
1. शिव ही निराकार है (जिनकी लिंग रूप में पूजा होती), वह जब शरीर में आते (भारत के पुराने प्रवृत्ति मार्ग के भक्त मनुष्य शरीर में) तब पार्ट बजाते हैं… यह राजस्व रुद्र ज्ञान यज्ञ स्थापन कर राजयोग की पढ़ाई पढ़ाकर हमें सम्पूर्ण सुखी-गौरा, हीरा वर्थ-पाउन्ड, पूज्य सतोप्रधान ऊंच ते ऊंच देवता बनाते… फिर रावण विकार दुःखी करते
2. मुख्य बात हमें फॉलो फादर कर ट्रस्टी बन बीच की जीवन-शैली (न बहुत ऊंच, न बहुत कम) अपनानी है… सर्वशक्तिमान पवित्रता-सुख-शान्ति के सागर से योग लगाए सर्व खजा़नों के वर्से को अपने में समाना है… समय अनुसार भिन्न भिन्न सम्बन्धों, प्राप्तियों, पास्ट के अनुभवों के आधार पर बाबा को साथ रखना है, तो सब सहज हो जाएँगा
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि सबसे हसीन मुसाफिर बाबा दूर-देश से आएं हैं, हमें दिव्यगुणों से श्रृंगारकर आप समान सुन्दर-गौरा-हसीन बनाने… तो हम भी ज्ञान-योग द्बारा सदा श्रेष्ठ स्थिति के अनुभवी दिव्य दर्शनीय मूर्त बन, सबको दिव्य बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!
गीत: तुमसा हसीन बाबा…
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