The fire of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 20-11-2019

The fire of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 20-11-2019

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. इस संगम पर सिर्फ… अपने को आत्मा समझ विचित्र बाप-टीचर-जगतगुरू शिवबाबा की याद-योगबल से… पवित्र-सतोप्रधान बन स्वर्ग-हेवन के वर्से के मौलिक बनते

2. तो ऐसे प्यार-ज्ञान रत्नों से मालामाल करने वाले बाप का कितना regard होना चाहिए, सदा श्रीमत पर चलना है… माया तो आएंगी, हमें याद द्वारा खुशबूदार दिव्यगुण-सम्पन्न पवित्र-फुल जरूर बनना है… बाबा को वारिस बनाए, 21 जन्म वर्से के अधिकारी बनना है… बाकी समय थोड़ा है, हमें सारे चक्र का ज्ञान है

चिन्तन

जबकि रोज़ हम हर ज्ञान-रत्नों की वर्षा होती… तो रोज़ सुनने के साथ-साथ, उसको बार-बार पढ़ते-चिन्तन कर उसका योगयुक्त-स्वरुप बन जाएं… तब ही ज्ञान का अग्नि-रूप अनुभव करेंगे, अर्थात्‌ सभी कमज़ोरी स्वाहा हो, सदा दिव्यता-शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर रहते-करते… सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


Recent Sakar Murli Churnings:

Thanks for reading this article on ‘The fire of spiritual knowledge! | Sakar Murli Churnings 20-11-2019’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *