Murli Yog 27.9.24

Murli Yog 27.9.24

मीठी शान्ति, दिव्य सुख वा खुशी की चमत्कारी ताकत के वन्डरफुल मालिक 👑 बनना; यही है स्नेह ❤, प्यार का सबूत; साथ-साथ स्वमान में स्थित रह सर्व को सम्मान देने वाले माननीय बनना; श्रेष्ठ कार्यों के जिम्मेवार बन मन्दुरूस्त रहना… Murli Yog 27.9.24!

हमें सम्मुख गर्म-गर्म हलुआ 😋 मिलता… अर्थात् मीठे-मीठे, रूहानी बच्चें कह वह रूहानी, सुप्रीम, बेहद बाप हम आत्माओं 🪔 को राजयोग 🧘‍♀️ की शिक्षा पढ़ाते… ओम् शान्ति अर्थात् हम आत्मा-स्टार्स ऊपर शान्ति, निराकारी, ब्रह्म तत्व में थी; इस कर्मक्षेत्र पर शरीर ले कर्म करती…

… हम आत्माएं 🕯️ ही पहले ईश्वरीय राज्य, वैकुण्ठ, सुखधाम में लक्ष्मी-नारायण 🫅🏻👸🏻 मालिक के ऊंच पद 🏆 वाले देवता थे; ईश्वरीय वन्डर ऑफ वर्ल्ड पैराड़ाइज के वर्से में deitism… आत्मा में ही राज्य करने की ताकत 💪🏻 है!

याद में रहने वाले है पुण्य आत्मा, सतोप्रधान; पवित्र, चमत्कारी; महारथी पहलवान 🤼‍♂️, विजयी 🇲🇰 (क्योंकि बाबा है पतित-पावन, सर्वशक्तिमान, वर्ल्ड ऑलमाइटी अथॉरिटी!)… तो दिल अन्दर कितनी खुशी होनी चाहिए; हम हेवन स्थापन कर रहे…

… पढ़ाई भी सहज है; बिगर खर्चे मम्मा कैसी नम्बरवन, होशियार 🧠, राजयोगिन बन गयी… परन्तु खबरदार, अक्लमंद भी रहना है; भाई-बहन सो भाई-भाई बनना है (फिर वहां ऊपर भी भाई-आत्माओं से मिलेंगे!)…

… यह न्यारा ज्ञान है… इस ड्रामा 🎭 में एक सेकण्ड न मिले दूसरे से… आबू सर्वोत्तम, श्रेष्ठ, बड़ा तीर्थ है जहां से सर्व की सद्गति होती; अन्त में महिमा होंगी (अहो शिवबाबा ✨ तेरी लीला!)

हम सदा स्वमान में स्थित 🎯 रह… सर्व को सम्मान देने वाले… माननीय है!

हद की इच्छाओं से परे रह… सभी श्रेष्ठ सेवा के कार्यों में, ब्राह्मण आत्माओं की उन्नति, आदि में जिम्मेवार बनने से… प्रत्यक्षफल सदा मन्दुरूस्त, खुश, मन्मनाभव रहते!

हम स्नेही वा ज्ञानी आत्माओं के प्यार का सबूत है… सबकुछ न्योछावर, कुर्बान करना… (व्यर्थ संकल्प 💭, गुण-विशेषता का अभिमान, आदि सर्व मूल कमजोरियां!)


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