Sakar Murli Churnings 14-02-2019
1. शिवबाबा आकर (शिव जयन्ती), हमें ज्ञान देते हैं (गीता जयन्ती), जिससे हम मनुष्य से देवता बन जाते हैं (कृष्ण जयन्ती)… तो शिव जयन्ती फिर गीता जयन्ती फिर श्रीकृष्ण जयन्ती, यही सही क्रम है… और कोई क्रम नहीं हो सकता, क्योंकि बाबा ही पतित-पावन है जो ज्ञान देकर दैवी रजाई स्थापन करते हैं
2. तो ज्ञान सागर का ज्ञान अमृत पीते-पीते पावन बनना है, और ज्ञान गंगा बन विश्व को पावन बनाना है… पवित्र बनने के लिए याद में जरूर रहना है
सार
तो चलिए इस 14 फरवरी पर… कल्प बाद आए हुए बाबा के प्रेम में डूबे रहे, लवलीन रहकर फिर से लवली देवता बन जाएँ… और मास्टर प्रेम के सागर बन सबको प्यार बांटते रहे, प्यार के सागर से जुड़ाकर उन्हें भी सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बना दे… दैवी प्यार की दुनिया सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!