Sakar Murli Churnings 19-03-2019
हमारा योग सत्य के साथ है, जिससे हमारे अन्दर सारा कीचड़ा समाप्त हो, हम पवित्र दिव्यगुण-सम्पन्न पुरुषोत्तम बन जाते… तो इस पढ़ाई और याद में लग जाना है, इस संगमयुग को कभी नहीं भूलना है, क्योंकि यही समय है सर्व प्राप्तियां करने की
सार
तो चलिए आज सारा दिन… हम संगमयुगी श्रेष्ठ ब्राह्मण आत्मा है, इसी स्मृति-स्वरूप रह सदा प्रभु मिलन मनाते, विशेष हीरो पार्ट बजाते रहे… अर्थात सदा शान्ति, प्रेम, खुशीयों से भरपूर रह हर कर्म करते रहे… तो औरों को भी श्रेष्ठ अनुभुतीयां होते विशेष प्रेरणाएँ मिलती रहेंगी, और हम सभी साथ में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!