Sakar Murli Churnings 10-12-2018
सेवा के पॉइन्ट्स
- कर्म करते भी, अपनी शक्तिशाली स्थिति में स्थित रहना है… तो यह ज्ञान योग की रूहानी purity की personality स्वतः सेवा करती रहेगी!
- त्रिवेणी पर, मंदिरों में (अंबाजी, माँ काली, लक्ष्मी नारायण, श्रीराम, आदि के) समझाना है… वानप्रस्थी और भक्तों को भी समझाना है… जगदम्बा की महिमा, भारत की महिमा, गीता का भगवान, परमात्मा से संबंध, आदि पर समझाना है… व्यवहार के साथ-साथ सेवा भी करनी है
- विचार सागर मंथन करते, ज्ञान की पराकाष्ठा लानी है… योगबल भी चाहिए
- अच्छा समझाएंगे तो… आसपास वाले और मित्र संबंधी भी आएंगे, निमंत्रण देंगे, सर्विस की सहज वृद्धि होगी
गृहस्थ व्यवहार में रहते हिसाब-किताब चुक्तू करने की सहज विधि
- देही अभिमानी बनकर निरन्तर याद में रहने का अभ्यास करना है… इससे हमारी ऊर्जा बहुत ऊचे स्तर पर रहती है
- घर (और अमरलोक) को देखते रहो… हमें वहां जाना है… तो पुरानी दुनिया सहज भूलती जाएगी… और हमारे संकल्प और vibrations सहज नई सतयुगी सृष्टि की रचना करते रहेंगे!
- पूरी पवित्रता चाहिए… पुरानी देह से भी बेगर बनना है… तो बेगर से prince बन जाएंगे!
- किसी में बुद्धियोग नहीं लटकाना है… अर्थात सब को आत्मा देखना और बाबा का बच्चा समझना है… और सदा देते रहना है (स्नेह, सम्मान, दुआएं, शुभ भावनाएं, आदि), कुछ भी लेने की आश नहीं रखनी है
ज्ञान के पॉइन्ट्स
- जगदम्बा को eve वा बीबी भी कह सकते हैं… क्योंकि नई सृष्टि बनाने के निमित्त बनती है… परमपिता परमात्मा की सन्तान, ब्रह्मा मुख द्वारा adopt हुई है… तो जैसे वह राजयोग की तपस्या कर रही है, हमें भी करके स्वर्ग का मालिक बनना है!
- परमात्मा का सत्य परिचय… नाम शिव, निराकार, रचयिता, ज्ञान का सागर, ब्रह्मा मुख द्वारा ज्ञान देते, पुरानी सृष्टि को नया बनाते हैं, सूर्यवंशी राजधानी स्थापन करते
- इतनी छोटी आत्मा में पूरा 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा हुआ है… अब यह पार्ट भी पूरा होने को है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के प्रेम में लवलीन रहे, जिससे सहज पुराने-पन से मुक्त रहेंगे… और हर कदम अपने संकल्प, स्थिति और vibrations द्वारा सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!