The awareness of becoming Purushottam! | Sakar Murli Churnings 13-04-2020
मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है
सार
जबकि स्वयं सुप्रीम बाप-टीचर-सतगुरू हमे पढ़ाने आते… तो सदा यह स्मृति रहे, हम संगमयुगी-ब्राह्मण पढ़कर आत्मा समझकर निराकार पतित-पावन मोस्ट-बिलवेड बाबा को याद कर पावन-पुरूषोत्तम बन रहे… तो सदा हर्षित रह अलौकिक सेवा में सबको समझाते रहेंगे (चित्र-प्रदर्शनी द्वारा), अब किसी को दुःख नहीं देंगे (बाकी समय थोड़ा है, हम सारे चक्र-ड्रामा को जानते)
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