Applying our specialities in service! | Avyakt Murli Churnings 15-03-2020

Applying our specialities in service! | Avyakt Murli Churnings 15-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

1. बाबा हमारी 3 विशेषताएं देख रहे… सेवाधारी सेवा में लगाकर वृद्धि करनी है (हर संकल्प-बोल-कर्म में स्वंय-सर्व को अनुभव हो):

  • स्नेही… हम स्नेह की किरणों-सम्पंन मास्टर-स्नेह-सागर लगे, स्नेह की खुशबु का वातावरण बनें… सभी सच्ची स्नेह के भूखे हैं
  • सहयोगी-सहज योगी… सब को लगे, हमें कुछ ज्ञान-स्नेह-बल-शक्ति-सहयोग मिला
  • शक्ति-रूप (लाइट-हाउस माइट-हाउस)... अपनी शक्तियों (सहन-शक्ति) की लाइट-माइट औरों को प्राप्ति कराए

बाबा का दिया हुआ देते, बाबा से जुड़ाते

2. हमारी सेना है विजय पाने वाली… बाबा के है-बाबा के लिए, ऐसे सेवा से लगकर खुशी-शक्ति-भाग्य अनुभव करते… सदा पूज्य की स्मृति में रह हर कर्म करना… सदा संगम के मौजों में रहना


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Being free from all worries! | Sakar Murli Churnings 14-03-2020

Being free from all worries! | Sakar Murli Churnings 14-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सुप्रीम-सत मात-पिता-शिक्षक-सतगुरू ने हमारे सब बोझ ले, सही रास्ता बताया है (जो सतयुग तक पहुंचता)… तो विशाल-बुद्धि बन श्रीमत पर अच्छे से पढ़कर-आशिक माशुक समान एकान्त में याद कर (संग से बच-वैराग्य) श्रेष्ठ चलन बनाए… रास्ता दिखाकर सबका बुद्धि-योग बाबा से जोड़, ऊँच पद पाए

चिन्तन

जबकि बाबा ने कई बार कहा है, तुम सिर्फ मुझे याद करो मैं सबकुछ ठीक कर दूँगा… क्योंकि योग के सर्वश्रेष्ठ वाइब्रेशन ही तन-मन-धन-सम्बंध की सर्व-समस्याओं का मूल समाधान… तो सदा ज्ञान-चिन्तन वा दृढ़ता द्वारा अपने योग को पक्का बनाते, सदा शान्ति-प्रेम आनंद से भरपूर सर्व-प्राप्ति-सम्पंन रहते-करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Remembering the incorporeal Diamond alone! | Sakar Murli Churnings 13-03-2020

Remembering the incorporeal Diamond alone! | Sakar Murli Churnings 13-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि भगवान् बागवान-खिवैया बन हमे सतयुगी सुख-हेल्थ-वेल्थ में ले जा रहे… तो सदा अपने को निराकार-बिन्दी समझ सच्चे-निराकार-बिन्दी-हीरा परमात्मा को याद कर सम्पूर्ण-पावन बन जाए (देह-दुनिया के ममत्व से परे)… मैसैंजर-पैगम्बर बन सबको रास्ता बताते रहे (समय भी बहुत कम है)


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Sitting on the Parent’s Throne! | मम्मा-बाबा के तख्त-नशीन | Sakar Murli Churnings 12-03-2020

Sitting on the Parent’s Throne! | मम्मा-बाबा के तख्त-नशीन | Sakar Murli Churnings 12-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि भगवान् हमें सारा ज्ञान देकर अविनाशी रत्नों से भरपूर कर रहे (जिससे अमरलोक में भी सम्पूर्ण धनवान-सुखी देवता-प्रिंस बनते), तो सदा उस एक से प्रीत रख हाथ पकड़े रह… सतोप्रधान-दिव्यगुण सम्पन्न-फूल बन, सबको आप-समान बनाते, पास विद् आनर मम्मा-बाबा के तख्त-नशीन बन जाए


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Belonging to God! | Sakar Murli Churnings 11-03-2020

Belonging to God! | Sakar Murli Churnings 11-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि हम-बाबा ने एक-दो को अपनाया है (निराकारी-बाप हम निराकारी-बच्चों को पढ़ाते)… इस स्मृति-याद से हम मायाजीत-सतोप्रधान-16 कला सम्पूर्ण-सर्वगुण सम्पन्न बनते सतयुग में (हम पूरे ड्रामा का ज्ञान है)… तो याद में पक्का बनना है (पुरानी दुनिया को भूल), सबको सन्देश पहुंचाते रहना


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Becoming full of divine virtues this Holi! | Sakar Murli Churnings 10-03-2020

Becoming full of divine virtues this Holi! | Sakar Murli Churnings 10-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

जबकि सम्पूर्ण सत्य ज्ञान हमारी बुद्धि में बैठ गया है (जो चित्रों में स्पष्ट है), हम सतयुगी-देवता बन रहे… तो अब पढ़ाई-याद (होली-धुरिया) द्वारा पवित्र-दिव्यगुण सम्पन्न-रॉयल-क्षीरखण्ड-सच्चे बन, सबकी प्यार-शान्ति-मीठास से सेवा करते रहे


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Becoming virtuous! | Sakar Murli Churnings 09-03-2020

Becoming virtuous! | Sakar Murli Churnings 09-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

स्वयं ज्ञान-सागर सद्गति-दाता भगवान् हमें राजयोग सिखाकर (देही-अभिमानी बन परलौकिक-प्यार के सागर बाबा को मामेकम् याद कर) दैवीगुण-सम्पन्न बनाते (घृणा-तिरस्कार से परे), सचखण्ड के मालिक हीरे तुल्य देवताएं… रहमदिल बन सबकी प्यार से सेवा भी करते रहना


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Experiencing our golden-aged future now through fast efforts! | Baba Milan Murli Churnings 06-03-2020

Experiencing our golden-aged future now through fast efforts! | Baba Milan Murli Churnings 06-03-2020

1. बाबा हमारी भिन्न-भिन्न भाग्य-रेखाएं देख हर्षित हो रहे:

  • मस्तक पर… चमकती ज्योति
  • नैनों में… रूहानियत
  • मुख में… श्रेष्ठ वाणी
  • होठों पर… रूहानी मुस्कराहत
  • हाथो में… सर्व परमात्म ख़ज़ाने
  • हर याद में लिए कदम में… पदम
  • ह्रदय में… बाबा से लवलीन

यह अभी ही अनुभव करने है, क्योंकि इसी समय स्वयं अविनाशी-भगवान् हमारे श्रेष्ठ कर्म-रूपी-कलम द्वारा अविनाशी-भाग्य खिंचवा रहे… पुरूषार्थ से प्राप्ति-प्रालब्ध, संस्कार से संसार, अनेक जन्मों के लिए

2. तो चेक कर, भविष्य-संसार के सभी संस्कार अभी प्रत्यक्ष अनुभव करने:

  • एक राज्य… मन-बुद्धि सम्बन्ध-सम्पर्क-जीवन में एक-आत्मा का राज्य, माया का नहीं
  • सम्पूर्ण पवित्रता की धारणा-धर्म… संंकल्प-बोल-कर्म-सम्बन्ध-सम्पर्क-स्वप्न में भी… ब्रह्मा-चारी… जड़ चित्रों से भी सभी पवित्रता चाहते
  • अखण्ड-अविनाशी सुख-शान्ति-सम्पत्ति… अपने स्वराज्य में अविनाशी अनुभव करना:
    • विनाशी साधन-सैलवेशन, नाम-मान-शान, दु:ख से परे सुख
    • अशान्त सरकमस्टांश-वातावरण में भी शान्त रहना-करना
    • सम्पत्ति में… ज्ञान (हर संकल्प-कर्म नॉलेजफुल), सर्व-गुण (प्रैक्टिकल-लाइफ में), सर्व-शक्तियाँ

जबकि हमारा वायदा है, बाबा के साथ विश्व-कल्याणकारी बन नया सुख-शान्तिमय संसार बनाएंगे… अन्त का इंतजार नहीं (बहुतकाल के अभ्यास से ही बहुतकाल-प्राप्ति)

3. तीव्र-पुरूषार्थी अर्थात्:

  • मास्टर दाता बन, सबको देते रहना (लेना नहीं, फॉलो फादर)
  • निर्माण (सेवा-प्लान्स) के साथ निर्मान-निर्मल (स्थिति-वाणी स्वभाव-संस्कार) का बैलेन्स (हीरे-समान बोल)… तो सबकी स्नेह-दुआएं मिल, सफलता होंगी

4. तीनों खातें सम्पन्न:

  • स्वयं के पुरूषार्थ का
  • मैं-मेरा की लम्बी-रॉयल लिस्ट से परे, निःस्वार्थ सेवा द्वारा पुण्य का खाता
  • सदा स्वयं-सर्व को सन्तुष्ट रख, दुआओं का खाता (यही पुण्य-खाते की भी चाबी है)

इसमे लिए कमज़ोर-संस्कार के प्रभाव से परे मास्टर-सर्वशक्तिमान, बाबा से कम्बाइण्ड, श्रीमत-छत्रछाया में रहना (यही सेफ्टी का साधन है)

पार्टियों से

  • (ईस्टर्न)… नई सेवा की इन्वेन्शन-प्लान द्वारा विस्तार को कवर करना… भल बने-बनाएं स्टेज का सहयोग ले-चांस भी देना पड़े, हम सकाश देंगे… उमंग-हिम्मत के वरदान से असम्भव भी सम्भव
  • (विदेशी)… मधुबन के श्रृंगार, सेवा का विस्तार अच्छा हैं, अब सिर्फ स्व-सर्व के बैलेन्स का इनाम लेना
  • (यादप्यार)… सच्ची दिल पर साहब राज़ी (बाबा की दुआ-दुलार प्राप्त है ही), सदा आगे बढ़ते-बढ़ाते रहो
  • (होमवर्क)… 5 स्वरूपों की ड्रिल दिन में 8 बार (सोने से पहले पूरा करना)
  • (ड्रिल)… स्वराज्य की सीट में स्थित

सार (चिन्तन)

सदा अपने सर्वश्रेष्ठ भाग्य का अभी अनुभव करने… तीव्र-पुरुषार्थ द्वारा सम्पूर्ण स्वराज्य-अधिकारी बन, अविनाशी पवित्रता-सुख-शान्ति-सम्पत्ति से भरपूर ज्ञान-गुण-शक्ति सम्पन्न हो… मास्टर दाता-निर्माण बन सारे विश्व का कल्याण कर पुण्य-दुआओं के खाते से सम्पन्न बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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Becoming Mayajeet! | Sakar Murli Churnings 07-03-2020

Becoming Mayajeet! | Sakar Murli Churnings 06-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

हम श्रेष्ठ-पार्टधारी आत्मा को बाबा का बन-याद कर, पावन-मायाजीत-दिव्यगुण सम्पन्न बन (पुराना दुनिया को भूल) सुखधाम-वर्से का मालिक बनना है (हमे सारे ड्रामा को जानते, जो स्प्रीचुअल-नॉलेज के रत्न बाबा ने हमे दिये हैं)... सबकुछ सफल कर 21 जन्मों की बादशाही जरूर प्रात करनी है


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The essence of Rajyoga! | Sakar Murli Churnings 05-03-2020

The essence of Rajyoga! | Sakar Murli Churnings 05-03-2020

मुरली सदा क्लास में पूरी सुननी चाहिए… अतः इस लेख का सिर्फ यह उद्देश्य है, कि मुरली सहज याद रहे, ताकि सारा दिन उसका अभ्यास-धारण करना सहज हो जाए… लेकिन मुरली पहले क्लास में ही सुननी है

सार

मुख्य श्रीमत हैं… सवेरे उठकर (वा कर्मयोगी बन), अपने को बिन्दी-स्टॉर-अंगुष्ठे समान आत्मा समझ, उस एक-निराकार पतित-पावन परमात्मा को याद कर पावन-सतोप्रधान बनना (हिसाब-किताब चुक्तू)… जिससे सोने की हर्षितमुख-देवताओं की दुनिया का मलिक बनते (बाकी सब ड्रामा है, थोड़ा समय बाकी है)


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