Becoming Pure like Brahma Baba | ब्रह्मा बाप समान पावन बनने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 20-01-2018

Becoming Pure like Brahma Baba image

Becoming Pure like Brahma Baba | ब्रह्मा बाप समान पावन बनने की सहज विधि | Avyakt Murli Churnings 20-01-2018

पवित्रता का महत्व

1. हम होली हंसों को अपने पवित्रता की पर्सेंटेज चेक करनी है, मन्सा वाचा कर्मणा सम्बन्‍ध सम्पर्क में… जहां सच्ची शक्तिशाली पवित्रता है, वहां औरों के संकल्प वृत्ति दृष्टि स्मृति भी परिवर्तन हो जाती… नहीं तो हम भी प्रभावित हो जाते, जिससे सिद्ध होता कि हम अपने स्वभाव-संस्कार बाबा से हमारा सम्बन्ध कमझोर है!

2. पवित्रता ही foundation है, 21 जन्मों के प्राप्तियों की… पवित्रता ही महानता है, जिससे सर्व प्राप्तियां वा सफलता मिल जाती, सभी श्रेष्ठ स्थितियों का अनुभव कर सकते… तो इस पर पूरा-पूरा खबरदार रहना है

3. काम विकार के कई बाल-बच्चे हैं… किसी के प्रति व्यर्थ विकारी दृष्टि जाना भी अपवित्रता है, महापाप है… जिससे कुल कलंकित बनते, दुखी होकर मरते, धर्मराज द्वारा सौगुणा दण्ड मिलता, और राज्य-भाग्य भी गंवाते

ब्रह्माचारी अर्थात कौन?

1. ब्रह्माचारी अर्थात ब्रह्मा बाप के आचरण पर चलने वाले… अर्थात हर संकल्प, बोल, कर्म में ब्रह्मा बाप के कदम पर कदम रखना है, पहले चेक करना यह ब्रह्मा बाप समान है?… तो हमारे:

  • हर कर्म (उठना बैठना आदि) बाबा जैसे कर्मयोगी बन जाएँगे!… गंभीरता वा हर्षितमुखता का बैलेंस रहेगा
  • स्थिति महान रहेगी
  • चेहरे और चलन में अन्तर्मुखता और अतिन्द्रीय सुख समाया रहेगा… श्रेष्ठ जीवन का प्रभाव और बाबा का अनुभव होगा
  • हर बोल अलौकिक महावाक्य होगा, पवित्रता के vibration से सम्पन्न
  • Personality purity की बन जाएगी
  • संस्कार-स्वभाव में बाप समान हम निराकारी, निर्विकारी, निरहंकारी बन जाएँगे… मुरली से बहुत प्यार रखना है!

2. कितनी भी सेवा वा जिम्मेवारीयां हो, लेकिन हम सिर्फ बाबा की निमित्त katputli है… इसी स्मृति से सदा हल्का रहना है!

3. ब्रह्मा बाबा समान पाठ पक्का रखना है, मेरा तो एक शिव बाबा दूसरा ना कोई… माया कितना भी हिलाए, सदा खुश रहना है, परिस्थिति के ऊपर से उड़ जाना है!

4. ब्रह्मा बाप को पसन्द है कम खर्च बाला-नशीन… इसलिए कम संकल्प, बोल से सफलता ज्यादा प्राप्त करनी है! … सब कुछ सफल करना है!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपनी आंतरिक पवित्रता पर पूरा-पूरा ध्यान रखे, और उसे श्रेष्ठ बनाने सदा ब्रह्मा बाबा के footsteps पर चलते रहे… तो हमारी स्थिति सदा श्रेष्ठ, खुश और हल्की रहेगी, कम शक्ति से सफलता ज्यादा मिलेगी, सबका कल्याण करतेे रहेंगे… और हम बहुत जल्द सतयुग लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 05-01-2019

Sakar Murli Churnings 05-01-2019 image

Sakar Murli Churnings 05-01-2019

1. भगवान हमारा बाप भी है, टीचर भी है, और सतगुरू भी है… वही हमको पढ़ाते हैं… इस निश्चय-पूर्वक स्मृति से सेकेण्ड में खुशी का पारा चढ़ जाता है… और इस खुशी को कायम रखने पढ़ाई भी जरूर पढ़नी है!

2. बातें करते यह अभ्यास पक्का करना है, हम आत्मा भाई से बात कर रहे हैं… तो स्वतः हमारा स्वभाव बहुत मीठा और रॉयल रहेंगा… भूतों (अर्थात प्रभाव में आना, लड़ना-जगड़ना, आदि जिसको बाबा ने आज नास्तिक-पना कहा) से बचे रहेंगे

3. कोई पूछे विनाश कब होगा, तो कहो पहले यह बताने वाले (अर्थात ज्ञान देने वाले) अल्फ को तो जानो… वही कह रहा है कि मैं नई राजधानी स्थापन करने आया हूँ, हमें उनकी श्रीमत पर चलना है

4. बाबा हमें कितना ऊंच मनुष्य से देवता 21 जन्मों के लिए बना रहे हैं… फिर तो यह ज्ञान भी नहीं रहेगा, तो अभी पूरा-पूरा पुरुषार्थ करना है… पूरा आत्म-अभिमानी बन बाबा को याद करना है, तो पावन बन जाएँगे… और कर्मातीत भी बनते जाएंगे… ओम् शान्ति!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… किसी से भी बात करते हुए, आत्मिक दृष्टि का अभ्यास पक्का रखे, जिससे सहज आत्म-अभिमानी स्थिति का अनुभव करते रहेंगे… और हमारी अवस्था बहुत हल्की और सन्तुष्ट रहेंगी, योग भी बहुत सहज और शक्तिशाली होगा… ऎसे सहज ही हम ब्रह्मा बाप समान अपने कर्मातीत फरिश्ता स्थिति तक पहुँच जाएँगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 03-01-2019

Sakar Murli Churnings 03-01-2018 image

Sakar Murli Churnings 03-01-2019

बाप और वर्से को याद करना है सेकेण्ड की बात, जिससे खुशियों से भरपूर बन जाते हैं!

लेकिन माया (अर्थात पुराने संस्कार) याद करने नहीं देते… इसलिए अशरीरी बनने और बाबा को याद करने का अभ्यास करना है… तो हम बहुत मीठे और रॉयल बन जाएँगे, और सुख के टाॅवर स्वर्ग में पहुच जाएँगे!

तो जितना ऎसे बुद्धी को गोल्डन एज बनाकर धारणा केरेंग और कराएंगे, श्रीमत पर चलेंंगे, बाबा को याद कर पवित्र बनेंगे… तो आने वाले समय को भी सहज पार करेंगे, और स्वर्ग में भी बहुत ऊंच पद पाएंगे!

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अल्फ और बे (बाप और वर्से) को याद कर बेअंत खुशी में रहे… और सब के साथ इस खुशी को बांटते रहे, विश्व को स्वर्ग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Inculcating Divine Virtues | दैवी मैनर्स कैसे धारण करे |Sakar Murli Churnings 14-12-2018

Inculcating Divine Virtues image

Inculcating Divine Virtues | दैवी मैनर्स कैसे धारण करे | Sakar Murli Churnings 14-12-2018

आज बाबा ने मुरली दैवीगुणों की धारणा पर चलाई है

बहुत मीठा कैसे बनें?

  • बहुत मीठा बनना है (जैसे लक्ष्मी नारायण कितने हर्षित है, कितने प्यारे लगते हैं)
  • इसके लिए बड़ा सयाना योगयुक्त बनना है, तो अपने आप शान्तचित रहेंगे… फिर बोल भी कम मीठे ज्ञानयुक्त, और व्यवहार बडा रॉयल रहेगा! 
  • एक आंख मे मुक्ति और दूसरी में जीवनमुक्ति हो! 
  • पवित्र बनना है… इसके लिए सद्गति दाता के दिए हुए सत्य ज्ञान को अच्छे से पढ़ना है, तो पावन बन जाएंगे! 

विश्व में शान्ति कैसे हो? 

  • सब चाहते है विश्व में शान्ति हो, वह कैसे होगी? 
  • जब हम सब अंदर से शान्त होंगे, तो अपने आप विश्व में शान्ति हो जाएगी
  • ऎसी सच्ची शान्ति (अथवा मुक्ति जीवनमुक्ति) तो बाबा के सिखाए हुए राजयोग से ही प्राप्त होती है!

सर्वव्यापी की बात

जितना परमात्मा (जो मिठास का सागर है) को यथार्थ रूप से याद करेंगे, उतना मीठा बनेंगे… इसके लिए बाबा अपना सत्य परिचय देते हैं, और समझाते कि मैं सर्वव्यापी नहीं हूँ… बाबा ने आज सर्वव्यापी की बात पर 3 पॉइंट्स सुनाए:

  • हम सभी ईश्वरीय सन्तान है, अर्थात ब्रदर्स है… लेकिन अगर सबके अंदर परमात्मा है, तो ब्रदरहूद के बजाए फादरहूद हो जाए! 
  • कोर्ट में परमात्मा के नाम पर कसम उठावाते हैं, इससे सिद्ध है कि परमात्मा कोई अलग चीज़ है 
  • परमात्मा को बुलाते हैं, तो जरूर वह हमारे अंदर नहीं है! 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… अति मीठे बाबा की याद में रह, हम खुद भी बहुत मीठे, रॉयल और शान्तचित रहे… जिससे सब को ऎसा बनने की प्रेरणा मिले, और हम साथ में इस सृष्टि को सतयुग बना दें… ओम् शान्ति! 

Thanks for reading this article on ‘Inculcating Divine Virtues | दैवी मैनर्स कैसे धारण करे | Sakar Murli Churnings 14-12-2018’ 

Easy Techniques of transforming karmic accounts | हिसाब-किताब चुक्तू करने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 10-12-2018

Easy Techniques of transforming karmic accounts image

Sakar Murli Churnings 10-12-2018

सेवा के पॉइन्ट्‍स 

  • कर्म करते भी, अपनी शक्तिशाली स्थिति में स्थित रहना है… तो यह ज्ञान योग की रूहानी purity की  personality स्वतः सेवा करती रहेगी!  
  • त्रिवेणी पर, मंदिरों में (अंबाजी, माँ काली, लक्ष्मी नारायण, श्रीराम, आदि के) समझाना है… वानप्रस्थी और भक्तों को भी समझाना है… जगदम्बा की महिमा, भारत की महिमा, गीता का भगवान, परमात्मा से संबंध, आदि पर समझाना है… व्यवहार के साथ-साथ सेवा भी करनी है
  • विचार सागर मंथन करते, ज्ञान की पराकाष्ठा लानी है… योगबल भी चाहिए
  • अच्छा समझाएंगे तो… आसपास वाले और मित्र संबंधी भी आएंगे, निमंत्रण देंगे, सर्विस की सहज वृद्धि होगी

गृहस्थ व्यवहार में रहते हिसाब-किताब चुक्तू करने की सहज विधि

  • देही अभिमानी बनकर निरन्तर याद में रहने का अभ्यास करना है… इससे हमारी ऊर्जा बहुत ऊचे स्तर पर रहती है 
  • घर (और अमरलोक) को देखते रहो… हमें वहां जाना है… तो पुरानी दुनिया सहज भूलती जाएगी… और हमारे संकल्प और vibrations सहज नई सतयुगी सृष्टि की रचना करते रहेंगे! 
  • पूरी पवित्रता चाहिए… पुरानी देह से भी बेगर बनना है… तो बेगर से prince बन जाएंगे! 
  • किसी में बुद्धियोग नहीं लटकाना है… अर्थात सब को आत्मा देखना और बाबा का बच्चा समझना है… और सदा देते रहना है (स्नेह, सम्मान, दुआएं, शुभ भावनाएं, आदि), कुछ भी लेने की आश नहीं रखनी है 

ज्ञान के पॉइन्ट्‍स

  • जगदम्बा को eve वा बीबी भी कह सकते हैं… क्योंकि नई सृष्टि बनाने के निमित्त बनती है… परमपिता परमात्मा की सन्तान, ब्रह्मा मुख द्वारा adopt हुई है… तो जैसे वह राजयोग की तपस्या कर रही है, हमें भी करके स्वर्ग का मालिक बनना है! 
  • परमात्मा का सत्य परिचय… नाम शिव, निराकार, रचयिता, ज्ञान का सागर, ब्रह्मा मुख द्वारा ज्ञान देते, पुरानी सृष्टि को नया बनाते हैं, सूर्यवंशी राजधानी स्थापन करते
  • इतनी छोटी आत्मा में पूरा 84 जन्मों का पार्ट नुन्धा हुआ है… अब यह पार्ट भी पूरा होने को है

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के प्रेम में लवलीन रहे, जिससे सहज पुराने-पन से मुक्त रहेंगे… और हर कदम अपने संकल्प, स्थिति और vibrations द्वारा सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!