Illuminating the diya within! | Sakar Murli Churnings 03-06-2019
बाबा इस छोटे से संगमयुग में आकर समझाते, कैसे हम जीव आत्माएं जब पावन थी, तो स्वर्ग में सुखी थी, फिर रावण ने दुःखी बनाया… अब फिर ऊंच ते ऊंच बाबा ज्ञान-योग द्बारा हमें आप समान श्रेष्ठ बनाते, मुख्य बात आत्म-अभिमानी बन बाबा को बहुत प्यार से याद करना है, तो बैट्री भर हम प्रिंस बन जाएँगे… इसलिए पूरा बेगर बनना है अर्थात सबकुछ भूलना वैसे भी सब मीट जाना है, पवित्रता और गुणों की धारणा ही साथ जाएंगी… औरों को भी समझाते रहना है
सार
तो चलिए आज सारा दिन… जबकि परम ज्योति बाबा ने ज्ञान घृत द्बारा हमारी आत्म ज्योति जगाई है (इस देह रूपी दीपक में), तो सदा ज्ञान चिन्तन और योग बल द्बारा माया के तूफानों से बचे, इस ज्योति को और उज्ज्वल बनाते रहे… जिससे स्वतः हम औरों को भी प्रकाशित करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!
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